नई दिल्ली, 16जनवरी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल वीके सक्सेना में एक बार फिर ठन गई है. इस बार का मुद्दा शिक्षकों को फिनलैंड में प्रशिक्षण के लिए जाने का मामला है. इसे लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी के विधायकों ने दिल्ली सरकार के कामकाज में कथित हस्तक्षेप के विरोध में सोमवार को उपराज्यपाल कार्यालय तक मार्च निकाला. दिल्ली विधानसभा की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित किए जाने के बाद मार्च शुरू हुआ.
केजरीवाल ने संवाददाताओं से कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री और ‘आप’ विधायकों को उपराज्यपाल कार्यालय तक मार्च करना पड़ रहा है. मुझे उम्मीद है कि उपराज्यपाल अपनी गलती पर गौर करेंगे और शिक्षकों को फिनलैंड में प्रशिक्षण की अनुमति देंगे.’ उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना स्वतंत्र निर्णय नहीं ले सकते लेकिन वह ऐसा कर रहे हैं.
केजरीवाल ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार के काम जानबूझकर राजनीतिक कारणों से बाधित किए जा रहे हैं और कहा कि ‘उपराज्यपाल कोई हमारे प्रधानाध्यापक नहीं हैं जो हमारा ‘होमवर्क’ जांचेंगे. उन्हें हमारे प्रस्तावों के लिए केवल हां या ना कहना है.’
मुख्यमंत्री ने पूछा कि अगर निर्वाचित सरकार के पास फैसले लेने का अधिकार नहीं होगा तो वह कैसे काम करेगी. उपराज्यपाल सक्सेना द्वारा ‘अवैध और अवांछित बाधाओं और हस्तक्षेपों’ के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) विधायकों और सत्तारूढ़ ‘आप’ के सदस्यों के बीच जुबानी जंग छिड़ जाने के बाद विधानसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई. दिल्ली सरकार के शिक्षकों को एक प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए फिनलैंड भेजने पर उपराज्यपाल की ‘आपत्तियों’ का आप विधायकों ने विरोध किया है.
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