एक समय वह भी होता था जब कपड़ा खरीदकर दर्जी को सिलने के लिए दिया जाता था और फिर महीनों तक इंतजार होता था। पहले के समय में ना ही आज के बराबर मॉल थे और ना ही रेडिमेड शॉप। ऐसे में दर्जी ही शौक पूरा करने के साधन थे। लेकिन आजकल ऐसा नहीं है। आजकल बहुत कम लोग हैं जो कपड़ा खरीद कर सिलाने के शौकीन हैं। बल्कि आजकल रेडिमेड कपड़ों का चलन काफी बढ़ गया है।
क्या है कारण
रेडिमेड कपड़ों की बढ़ती मांग के पीछे लोगों की भागदौड़ भरी जिंदगी एक बहुत बड़ा कारण है। आजकल लोगों के पास इतना समय नहीं है कि वह नए कपड़े के लिए महीनों इंतजार करे। जिसके चलते रेडी टू वियर आउटफिट का चलन जोरों पर है। ट्रेंडी, कलरफुल पैटर्न, स्टाइलिश सिलाई और यूनिक डिजाइन के कारण रेडीमेड कपड़े युवाओं की पहली पसंद बन गए हैं।
कपड़े खरीदो और तुरंत पहनो
सब्र की कमी के चलते भी रेडिमेड की मांग जोरो पर है। रेडी टू वियर कपड़े की लोकप्रियता का सबसे बड़ा कारण समय की बचत है। दरअसल आज ज्यादातर लोग कामकाजी हैं। कॉलेज, ऑफिस और अन्य काम के चलते किसी के पास इतना समय नहीं होता कि वे बाजार जाएं फिर कपड़े पसंद करें, उसके बाद उसे सिलवाने के लिए डिजाइन चुने फिर सिलाई के लिए अच्छे टेलर के चक्कर लगाएं। इसलिए आजकल लोग मार्किट से कपड़े खरीदते हैं और तुरंत पहनते हैं।
फिटिंग की झिकझिक नहीं
युवाओं की पसंद को ध्यान में रखकर आजकल कपड़ों के डिजाइन और फिटिंग तय की जाती है। दूसरी बात टेलर के पास कपड़ों की इतनी भीड़ होती है कि वे समय पर कपड़े सिलकर नहीं दे पाते हैं साथ ही जैसी फिटिंग ग्राहक को पसंद होती है वो भी नहीं आ पाती है। यानि कि कभी फिटिंग सही नहीं होती तो कभी डिजाइन खराब कर देते हैं। ऐसे में अच्छे खासे कपड़े बेकार हो जाते हैं। फिटिंग की झिकझिक से बचने के लिए रेडीमेड कपड़े ही बेस्ट हैं। साथ ही सिलाई के महंगे दाम के चलते भी लोग रेडिमेड कपड़े लेना ही पसंद कर रहे हैं।
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