न्यूज़ डेस्क : कांग्रेस को किनारे कर विपक्ष के अन्य दलों को नए मंच पर लाने के लिए एनसीपी नेता शरद पवार के दिल्ली आवास पर मंगलवार को विभिन्न दल के नेताओं की बैठक ढाई घंटे बाद समाप्त हो गई है। बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुवाई वाले यूपीए की जगह अब एक नए गठबंधन की कवायद तेज हो गई है।
बैठक को लेकर सबसे पहले प्रतिक्रिया तृणमूल कांग्रेस नेता यशवंत सिन्हा की ओर से आई। हालांकि उन्होंने बस इतना ही कहा कि राष्ट्र मंच की बैठक ढाई घंटे चली और कई मुद्दों पर चर्चा हुई।
पवार ने नहीं बुलाई बैठक: मेमन
राकांपा नेता मजीद मेमन ने कहा कि मीडिया में बताया जा रहा है कि राष्ट्र मंच की यह बैठक शरद पवार ने भाजपा विरोधी राजनीतिक दलों को एकजुट करने के लिए की थी। यह पूरी तरह गलत है। मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि यह बैठक पवार के आवास पर हुई लेकिन उन्होंने यह बैठक नहीं बुलाई।
मेमन ने यह भी कहा कि यह बैठक राष्ट्र मंच के प्रमुख यशवंत सिन्हा ने बुलाई थी और राष्ट्र मंच के सभी संस्थापक सदस्यों और कार्यकर्ताओं की मदद से बुलाई गई थी। कहा जा रहा है कि शरद पवार साहब बड़ा राजनीतिक कदम उठा रहे हैं और कांग्रेस का बहिष्कार किया गया है। यह गलत है।
कोई राजनीतिक भेदभाव नहीं
मेमन ने कहा कि कोई राजनीतिक बहिष्कार नहीं है। हमने राष्ट्र मंच की विचारधारा को मानने वाले नेताओं को आमंत्रित किया है, जिसमें सभी राजनीतिक दलों के नेता आ सकते हैं। कोई राजनीतिक भेदभाव नहीं है। मैंने व्यक्तिगत रूप से कांग्रेस सदस्यों को आमंत्रित किया था।
मेमन ने कहा कि कांग्रेस नेता विवेक तन्खा, मनीष तिवारी, कपिल सिब्बल, डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी और शत्रुघ्न सिन्हा को आमंत्रित किया गया था। उनमें से कुछ ने वास्तविक कठिनाइयों को व्यक्त किया। यह धारणा गलत है कि कांग्रेस को छोड़कर एक बड़ा विपक्षी समूह बनने जा रहा है।
आज की बैठक का सारांश
समाजवादी पार्टी के नेता घनश्याम तिवारी ने बताया कि आज की बैठक का सारांश यह है कि देश में एक वैकल्पिक विचारधारा तैयार करने की आवश्यकता है, जो आम आदमी से जुड़े मुद्दों को हल करने के लिए मजबूत हो।
उन्होंने कहा कि राष्ट्र मंच ने देश के नागरिकों और संगठनों को ध्यान में रखते हुए विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर एक मजबूत वैकल्पिक विचारधारा वाली एक टीम गठित करने के लिए, संयोजक यशवंत सिन्हा को नियुक्त किया है।
लोग बदलाव के लिए तैयार: विश्वम
इस बैठक से पहले भाकपा सांसद बिनॉय विश्वम, टीएमसी नेता यशवंत सिन्हा, गीतकार जावेद अख्तर, राष्ट्रीय लोकदल अध्यक्ष जयंत चौधरी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला एनसीपी प्रमुख शरद पवार के घर पहुंचे। इस दौरान बिनॉय विश्वम ने कहा कि यह सबसे नफरत वाली और विफल हो चुकी सरकार के खिलाफ सभी धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक वाम ताकतों का एक मंच है। देश को बदलाव की जरूरत है। लोग बदलाव के लिए तैयार हैं।
बिनॉय विश्वम के अलावा पवार के घर पर पहुंचने वाले नेताओं में तृणमूल कांगेस नेता यशवंत सिन्हा, गीतकार जावेद अख्तर, राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधर और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला का नाम भी शामिल रहा।
गैर भाजपा और गैर कांग्रेसी दल देना चाहते हैं 2024 के लिए विकल्प
गैर भाजपा और गैर कांग्रेसी दल मिलकर 2024 में देश को एक विकल्प देना चाहते हैं। राज्यों में कमजोर पड़ती कांग्रेस और चुनाव में क्षेत्रीय दलों से ही मुकाबले के चलते विपक्ष के बाकी दलों का उससे मोह भंग होने लगा है। विपक्ष की इस कवायद से कांग्रेस के नेतृत्व वाला संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन यूपीए खुद ब खुद समाप्त हो जाएगा। शरद पवार के आवास पर होने वाली बैठक में कांग्रेस को नहीं बुलाया गया है। तर्क दिया जा रहा है कि जनता में कांग्रेस के प्रति नाराजगी को देखते हुए उसे इस गठबंधन का हिस्सा नहीं बनाया गया है। वहीं कांग्रेस के चलते जगनमोहन रेड्डी, नवीन पटनायक जैसे तटस्थ नेता दूरी बनाए हैं ऐसे में उन दलों को जोड़ा जा सकता है।
शरद पवार के पास राजनीतिक अनुभव
विपक्ष के सामने लोकसभा चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी के सामने बड़ा चेहरा सबसे बड़ी चुनौती है। कांग्रेस के नेतृत्व में कहीं न कहीं राहुल गांधी उस खाके में फिट नहीं बैठते। जिस तरह का ताना-बाना बुना जा रहा है उसमें शरद पवार राजनीतिक अनुभव और मोदी के मुकाबले का चेहरा हैं जो ज्यादा परिपक्व हैं।
बैठक में विपक्ष के संयुक्त पीएम उम्मीदवार के बारे में बात हो सकती है। हालांकि प्रधानमंत्री मोदी की तुलना में तत्काल कोई नाम आगे करने पर नुकसान भी हो सकता है। कई राजनीतिक दलों ने जुड़ने की इच्छा जताई है ऐसे में मंगलवार की बैठक के बाद पता चलेगा कि कौन किस तरफ है।
ममता बनर्जी कर चुकी हैं पार्टियों के गठबंधन की बात
पश्चिम बंगाल चुनाव के बाद ममता बनर्जी और शिवसेना के संजय राउत ने राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी पार्टियों के गठबंधन की बात कर चुके हैं। संजय राउत ने तो कहा था कि इस गठबंधन का नेतृत्व शरद पवार को करना चाहिए। ऐसे में शिवसेना आसानी से साथ जुड़ जाएगी। गठबंधन की कवायद पश्चिम बंगाल चुनाव परिणाम बाद से ही शुरू हो गई थी।
तृणमूल को जिताने वाले रणनीतिकार प्रशांत किशोर लगातार तीन सप्ताह के अंदर दो बार शरद पवार से मिल चुके हैं। वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा जो पिछले दिनों टीएमसी में शामिल हुए थे उनकी ‘राष्ट्र मंच’ के नाम से एक संस्था है। बताते हैं कि राष्ट्र मंच के बैनर तले ही शरद पवार के घर पर बैठक बुलाई गई है।
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