गुड गवर्नेंस को सक्षम बनाने के लिए पब्लिक डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के बारे में प्रस्तुतियों के साथ ‘आजादी का डिजिटल महोत्सव’ का शुभारंभ
गुड गवर्नेंस के प्रति लक्षित विविध पहलों की जानकारी देने हेतु विशेषज्ञ एक मंच पर आएमाननीय कौशल विकास, उद्यमिता और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर ने 29 नवम्बर, 2021 को सप्ताह भर चलने वाले कार्यक्रम ‘आजादी का डिजिटल महोत्सव’ का गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में शुभारंभ किया। इसका प्रत्येक दिन इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के एक लक्ष्य को समर्पित है।
‘आजादी का डिजिटल महोत्सव’ के प्रथम दिन के प्रथम सत्र में गुड गवर्नेंस को सक्षम बनाने के लिए पब्लिक डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के बारे में प्रस्तुतियां पेश की गईं। श्री अभिषेक सिंह, अध्यक्ष एवं सीईओ-एनईजीडी ने भारत उद्योग संरचना (आईएनडीईए) के सिद्धांतों का उपयोग करते हुए पब्लिक डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के बारे में आरंभिक प्रस्तुति पेश की और इस बारे में भी जानकारी दी कि सरकार से जुड़ने के अनुभव को सक्षम बनाने के लिए विविध ऑनलाइन प्रोजेक्ट्स के साथ इसे कैसे एकीकृत किया जा सकता है।
इस प्रस्तुति के बाद इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) में सचिवश्री अजय साहनी ने अपना वक्तव्य दिया, जिसमें उन्होंने सार्वजनिक और निजी दोनों तरह के इकोसिस्टम एक्टर्स के साथ उपयुक्त रूप से शामिल और कनेक्ट होते हुए ई-कॉमर्स प्रोजेक्ट सिलोज़ और उनके रूपांतरण के बीच की दूरी को पाटने की जरूरत पर बल दिया।
आवासन एवं शहरी मामलों के मंत्रालय में संयुक्त सचिव एवं मिशन निदेशक (स्मार्ट सिटीज़ मिशन)श्री कुणाल कुमार ने भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु के सहयोग तथा निजी स्टार्टअप्स और सरकारी एजेंसियों की सहायता से विकसित किए गए इंडियन अर्बन डाटा एक्सचेंज (आईयूडीएक्स) प्लेटफॉर्म के बारे में प्रस्तुति दी। इसे सार्वजनिकनिजी साझेदारी संघ करार देते हुए उन्होंने कहा कि आईयूडीएक्स एक ओपन सोर्स, सिक्योर, क्लाउड बेस्ड मल्टी लेयर्ड डाटा एक्सचेंज प्लेटफॉर्म है, जिसमें नेशनल डाटा एक्सचेंज के रूप में कार्य करने का सामर्थ्य मौजूद है।
श्री राजीव चावला, अतिरिक्त सचिव, ई-गवर्नेंस, कर्नाटक ने किसान पंजीकरण और एकीकृत लाभार्थी सूचना प्रणाली (फ्रूट्स) के बारे में प्रस्तुति दी। साथ ही उन्होंने कर्नाटक के किसानों के बारे में उपलब्ध डाटा साझा कर तथा सरकारी सेवाओं को सक्षम बनाने के लिए किसानों द्वारा प्रशासन तक पहुंच कायम करने को आसान बनाने के बारे भी जानकारी दी।
श्री संतोष सारंगी, अतिरिक्त सचिव, स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने भारत में शिक्षा और कौशल की संरचना को प्रोत्साहन देने के लिए प्रधानमंत्री के विज़न का स्मरण करते हुए राष्ट्रीय डिजिटल शिक्षा संरचना (एनडीईएआर) कार्यक्रम और दीक्षा शिक्षण प्लेटफॉर्म के बारे में बताया।
श्री विजय कुमार, आयुक्त एवं सचिव,योजना,ने मेघालय उद्यम संरचना (मेघईए) के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम के अंतर्गत माई मेग सिटीजन डैशबोर्ड की परिकल्पना की गई है। मेघईए पहले से फाइल-आधारित मंजूरियों और स्वीकृतियों के लिए प्रतिवर्तनकाल (या टर्न अराउंड टाइम) में कमी लाने के लिए पुनः अभियांत्रिकरण की प्रक्रिया को सक्षम बना चुका है। इस प्रकार उसे 120 मानव श्रम वर्षों की बचत हो रही है।
गुड गवर्नेंस के लिए एनआईसी द्वारा विकसित पब्लिक डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के बारे में एनआईसी के उपमहानिदेशक श्री डी.सी. मिश्राने प्रस्तुति पेश की। उन्होंने एनआईसी की ईऑफिस, जीएसटी प्राइम, ईहॉस्पिटल, सर्विस प्लस, संदेश, पीएम-किसान, ईकोर्ट्स, ईसंपर्क,ईताल आदि जैसी अग्रणी पहलों की दुबारा चर्चा की, जो गुड गवर्नेंस और उत्पादकता का सूत्रपात करने का माध्यम रही हैं।
सत्र के अंतिम वक्ता एकस्टेप फाउंडेशन के चीफ इवैन्जलिस्ट डॉ. विवेक राघवन रहे, जिन्होंने राष्ट्रीय भाषा अनुवाद मिशन के बारे में ज्ञानवर्धन किया, जो डिजिटलाइजेशन की ताकत का उपयोग करते हुए संभवत: भाषायी अवरोधों को दूर कर सके तथा जनता को अपनी भाषा में इंटरनेट को एक्सेस करने में समर्थ बना सके, और इस प्रकार आत्मनिर्भर भारत के लिए डिजिटल समावेशन की दिशा में बड़े पैमाने पर प्रगति कर सके।
गुड गवर्नेंस के लिए पब्लिक डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के बारे में यह सत्र इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) में सचिवश्री अजय साहनी की समापन टिप्पणी से संपन्न हुआ, जिसमें उन्होंने डिजिटल गवर्नेंस में भारत को विश्व नेता बनाने की आशा प्रकट की।
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