अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। आज सुबह ही महंत नरेंद्र गिरी ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव का भी अखाड़े में स्वागत कर मुलाकात की थी। इसके बाद शाम को उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो संतों, मेला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों में हड़कंप मच गया।
महंत नरेंद्र गिरी और उनके संपर्क में आए सभी संत और अधिकारी आइसोलोट हो गए हैं। वहीं, अब संपर्क में आए सभी संतों और अधिकारियों की कोविड जांच की जाएगी। महंत नरेंद्र गिरी का कहना है कि उनकी तबीयत ठीक न होने की वजह से वे शनिवार को अस्पताल में भर्ती हुए थे। लेकिन वहां उन्हें ठीक नहीं लग रहा था इसलिए वे अखाड़े में आ गए थे। आज (रविवार) शाम को उन्हें पता चला कि वे कोरोना संक्रमित हैं। इसके बाद वे आइसोलेट हो गए हैं।
कोरोना की दूसरी लहर : उत्तराखंड में बढ़ेगी टेस्टिंग, जोर पकड़ेगा टीकाकरण अभियान
वहीं, कोरोना पॉजिटिव आने के बाद अब महंत गिरी सोमवती अमावस्या और मेष संक्रांति का शाही स्नान नहीं कर पाएंगे। महंत नरेंद्र गिरि को नौ अप्रैल से दस्त, पेट में दर्द और शरीर में कमजोरी की शिकायत हुई थी। शनिवार को महंत नरेंद्र गिरि को जगजीतपुर पुलिस चौकी के पास स्थित आनंदम अस्पताल में भर्ती कराया गया था। महंत की बीमारी के लक्षण कोविड के दूसरी लहर के स्ट्रेन लक्षणों से मिलते जुलते थे।
इसलिए अस्पताल में उनका एंटीजन टेस्ट कराया था। जांच में पॉजिटिव मिलने के बाद आरटी-पीसीआर जांच के लिए उनके सैंपल लिए गए थे। रविवार को महंत नरेंद्र गिरि के आरटी-पीसीआर जांच में कोविड पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष के कोविड पॉजिटिव मिलने की खबर से मेला प्रशासन और जिला प्रशासन के होश फाख्ता हो गए। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष बीते 10 दिनों में मुख्यमंत्री, सभी 13 अखाड़ों के सैकड़ों संतों और अधिकारियों के संपर्क में आए थे।
प्रशासन ने अखिलेश यादव को दी सूचना
महंत नरेंद्र गिरि के मामले में प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। महंत नरेंद्र गिरि ने अखिलेश यादव का फूल मालाएं पहनाकर स्वागत किया और प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को इसकी खबर तक नहीं लगी। सोशल मीडिया पर महंत नरेंद्र गिरी और अखिलेश यादव की फोटो वायरल होने से प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। आनन-फानन प्रशासन ने अखिलेश यादव को महंत नरेंद्र गिरि के संक्रमित होने की सूचना दी।
अधिकारियों पर मंडरा रहा संक्रमण का खतरा
महंत नरेंद्र गिरि से मिलने वाले अधिकारियों पर भी संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है। मेलाधिकारी दीपक रावत और एसएसपी मेला जन्मेजय खंडूड़ी महंत नरेंद्र का कुक्षलक्षेम पूछने अस्पताल गए थे। इस दौरान दोनों अधिकारियों ने मास्क भी उतार रखा था।
अब निरंजन पीठाधीश्वर की रिपोर्ट में टिकी निगाहे
निरंजन पीठाधीश्वर कैलाशानंद गिरि, आनंद पीठाधीश्वर बालकानंद गिरि और पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के सचिव रविंद्र पुरी अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि से मिले थे। 12 अप्रैल को निरंजनी अखाड़ा सबसे पहले शाही स्नान करेगा। शाही स्नान के दौरान सबसे पहले निरंजन पीठाधीश्वर और महामण्डलेश्वर स्नान करते हैं। ऐसे में अब अखाड़े के संतों और श्रद्धालुओं की निगाहे कैलाशानंद की रिपोर्ट पर टिकी है। रविवार को कैलाशानंद गिरि नेपाल के अंतिम राजा ज्ञानेंद्र वीर विक्रम से भी मिले थे। राजा ज्ञानेंद्र वीर विक्रम ने भी संतों के साथ स्नान करना है।
मास्क और शारीरिक दूरी की अनदेखी पड़ी भारी
बता दें कि महंत नरेंद्र गिरि कई आयोजनों के दौरान बिना मास्क के देखे गए। आयोजनों में शारीरिक दूरी की भी जमकर धज्जियां उड़ी। बस यही लापरवाही अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष को भारी पड़ गई।
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