नई दिल्ली । रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा किसी भी क्रिप्टोकरंसी एजेंसी से अपने संबंधों को खत्म करने के लिए भारतीय बैंकों के लिए तय समय सीमा गुरुवार को समाप्त होने के साथ ही ऐसी मुद्रा की वैल्यू अब शून्य हो गया है।
इससे पहले कोई भी एक्सचेंज पर बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरंसी को खरीद सकता था।
इस प्रक्रिया में एक्सचेंज से लिंक्ड बैंक अकाउंट से पैसा ट्रांसफर करना पड़ता था और उसके मुताबिक बिटकॉइंस की खरीदारी होती थी। अब यह संभव नहीं होगा। अब कुछ एक्सजेंच पीयर टू पीयर (P2P) बन जाएंगे, जहां आपको किसी साथी खरीदार से लिंक किया जाएगा,
जिसके साथ आप बिटकॉइं खरीद या बेच सकते हैं। P2P ट्रेडिंग में अभी के हिसाब से आप केवल बिटकॉइन को किसी दूसरे क्रिप्टो के एवज में ही खरीद-बेच सकेंगे। बिटकॉइन होल्डर्स को अब एक्सचेंज पर ही खरीदारों की तलाश करनी होगी।
अन्यथा क्रिप्टो को रुपये किसी लीगल करंसी में बदलने के लिए ब्लैक मार्केट सहारा लेना पड़ेगा। एक्सचेंज्स या क्रिप्टोकरंसी कंपनियों को अब बैंकों से लोन नहीं मिलेगा। यहां तक कि उन्हें बैंकों में कॉर्पोरेट अकाउंट भी खोलने की अनुमति नहीं होगी।
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