जानें , क्यों लगाते हैं भोलेनाथ शरीर पर भस्म

न्यूज़ डेस्क : मान्यता है कि सती के बिरहा में भगवान शिव भस्म धारी बने थे l भगवान शिव का रिश्ता सती के प्रति उनके प्रेम से भी जुड़ा है l सती की आग में कूदकर जान देने की खबर जब शिवजी को मिले तो वह बेहद  क्रोधित हो गए और उनके शव को लेकर भटकने लगे l 

 

उनको इस हाल में देकर विष्णु जी ने सती के शरीर को भस्म में बदल दिया l पत्नी वियोग में तड़प रहे शिव ने इस भस्म को अपने तन पर लगा लिया ताकि इन कणों के जरिए सती हमेशा उनके साथ ही रहे l  जहां जहां सती के अंग गिरे वहां शक्ति पीठ की स्थापना हो गई l फिर भी शिव का संताप जारी रहा तब श्री हरि ने सती के शरीर को भस्म में परिवर्तित कर दिया l

शिव बिरहा की अग्नि में उनके अंतिम निशानी के तौर पर मान कर तन पर लगा लेते हैं l  पहले भगवान श्री हरि ने देवी सती के शरीर को अलग-अलग कर दिया था  l लेकिन पुराणों में भस्म का विवरण भी मिलता है l भगवान शिव के तन पर भस्म लगाने का एक रहस्य यह भी है कि राखी शक्ति का प्रतीक है l भगवान शिव की बहुत ही अलौकिक देव लगते हैं l कथाओं के माध्यम से उनका रहन-सहन एक आम सन्यासी सा लगता है l ऐसे जो गृहस्थी का पालन करते हुए मोह माया से विरक्त रहता है और संदेश देता है कि अंत काल सब कुछ राख हो जाता है l 

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