न्यूज़ डेस्क : गोरखनाथ मंदिर में नेपाल के राज परिवार और जनता की गहरी आस्था है। नेपाल और नाथ पंथ एक दूसरे में रचे बसे हैं। नेपाल के राजा, रानी गोरखनाथ मंदिर आकर गुरु गोरक्षनाथ का दर्शन-पूजन कर चुके हैं। गोरखनाथ मंदिर के मेले में अब भी पहली खिचड़ी नेपाल के राजपरिवार की चढ़ती है।
दरअसल, भगवान गोरखनाथ ने नेपाल के राज परिवार को आशीर्वाद दिया था। इससे राजवंश फल-फूल रहा था। प्रगाढ़ रिश्ते का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि गुरु गोरक्षनाथ की चरण पादुका को नेपाल के राज परिवार ने अपने राजमुकुट में जगह दी है। नेपाल के सिक्के पर गुरु गोरक्षनाथ (श्रीश्री गोरखनाथ) का नाम लिखा है। गुरु गोरक्षनाथ के गुरु मत्यसेंद्र नाथ के नाम पर उत्सव मनाया जाता है। अपने शौर्य और पराक्रम से देश, दुनिया में अपना नाम रोशन करने वाली गोरखा रेजिमेंट भी गुरु गोरक्षनाथ के नाम पर गठित हुई थी। राज परिवार अब भी गुरु गोरक्षनाथ को अपना राजगुरु मानता है।
खिचड़ी मेला के दौरान पहली खिचड़ी नेपाल के राज परिवार की चढ़ती है। बड़ी संख्या में नेपाली श्रद्धालु गोरखनाथ आते हैं। खिचड़ी चढ़ाने के बाद पूजा-पाठ करके जाते हैं।
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