नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा उम्मीदवार सुशील गुप्ता के पास 170 करोड़ की सपंत्ति है, जबकि संजय सिंह के पास संपत्ति (6 लाख 60 हजार रुपये की) तो कम है, लेकिन मुकदमे अधिक दर्ज हैं। उनके खिलाफ 17 मुकदमे दर्ज हैं। नारायणदास गुप्ता के पास कुल 9.6 करोड़ की संपत्ति है। आइये जानते हैं आप के राज्यसभा उम्मीदवारों के बारे में, ये वो नाम है जो इन दिनों सुर्खियों में हैं।
सुशील गुप्ता
शपथ-पत्र के अनुसार 170.29 करोड़ की संपत्ति है। इसमें से उनके नाम 48.47 करोड़ की चल सपत्ति है, जिसमें 13.08 करोड़ रुपये उनकी पत्नी के नाम हैं। अचल संपत्ति 20.67 करोड़ की है। उनसे चार गुना अधिक अचल संपत्ति 88.07 करोड़ उनकी पत्नी के नाम है।
नारायणदास गुप्ता
कुल 9.6 करोड़ की संपत्ति है। उनके नाम 1.76 करोड़ और पत्नी के नाम 2.97 करोड़ की चल संपत्ति है। अचल संपत्ति उनके नाम नहीं है, जबकि पत्नी के नाम 4.87 करोड़ की अचल संपत्ति है।
संजय सिंह
संजय सिंह के पास 6.59 लाख की संपत्ति है। इसमें उनकी पत्नी की सपत्ति भी शामिल है। शपथ-पत्र के अनुसार उनके पास चल सपत्ति 59,499 रुपये है। उनकी पत्नी के पास 610014 की चल सपत्ति है। संजय के पास अचल सपत्ति नहीं है। उनके तीन बैंक अकाउंट हैं, जिसमें कुल जमा रकम 16,100 रुपये है। पत्नी के पास भी तीन बैंक अकाउंट हैं, जिनमे 27 हजार रुपये जमा हैं। संजय ने शपथ-पत्र में 4 लाख 27 हजार रुपये कीमत के सोने के आभूषण की भी घोषणा की है। उन पर मानहानि के 4 मुकदमे दर्ज हैं। इसके अलावा 13 और मुकदमे भी दर्ज हैं।
बढ़ता जा रहा है विवाद
गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी की ओर से राज्यसभा के लिए घोषित किए गए तीनों उम्मीदवार इस समय चर्चा में है। संजय सिंह तो पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं तो बाकी दो उन्य उम्मीदवारो को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है।
योगेंद्र यादव ने कहा- मैं शर्मिंदा हूं
पार्टी के वरिष्ठ नेता कुमार विश्वास ने खुद को उम्मीदवार न घोषित किए जाने पर बगावता का झंडा बुलंद कर दिया है। विश्वास ने कहा कि ‘मुझे डेढ़ साल पहले अरविंद ने बुलाकार कहा था कि सर जी आपको मारेंगे, लेकिन शहीद नहीं होने देंगे। विश्वास ने कहा कि मैं अपनी शहादत को स्वीकार करता हूं। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के पूर्व सहयोगी योगेंद्र यादव ने कहा कि उन्हें शर्म है कि वह कभी अरविंद केजरीवाल के साथ रहे।
इन नामों को लेकर है विवाद
दरअसल पूरा विवाद सुशील गुप्ता और नारायण दास गुप्ता की उम्मीदवारी को लेकर है। इनके बारे में कहा जा रहा है कि दोनों बड़े पूंजीपति हैं और इनका सार्वजनिक जीवन में कोई योगदान नहीं है। यह लड़ाई घर के बाहर आ चुकी है। हालांकि, इस मामले में अभी केजरीवाल मौन साधे हुए हैं, लेकिन सरकार के मंत्री और वरिष्ठ नेताओं के बीच जुबानी जंग थमने का नाम नहीं ले रही है। कुछ कार्यकर्ताओं का कहना है कि सिद्धांतों पर चलने वाली पार्टी की वजह से वे इसमें आए थे, लेकिन यहां नियम कायदे दरकिनार किए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि केजरीवाल और उनकी पार्टी को यह दांव महंगा पड़ सकता है।
News Source :- www.jagran.com
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