नशेड़ियों का अड्डा बने रैन बसेरा, महिलाओं के साथ होती है छेड़खानी, बच्चेे असुरक्षित

नई दिल्ली। दिल्ली में सर्दी का सितम जारी है, लेकिन सैकड़ों लोग आज भी खुले आसमान के नीचे कंपकंपाते हुए रात गुजारने को मजबूर हैं। सिर ढंका तो पांव खुला और पांव ढंका तो सिर खुला..। किसी को रैन बसेरे में जगह नहीं मिल रही है तो कोई जानबूझकर परिवार की सुरक्षा को देखते हुए वहां जाना नहीं चाहता है, क्योंकि वहां नशेड़ियों से लेकर असामाजिक तत्व तक पहुंचते हैं। दिल्ली सरकार रैन बसेरे को लेकर भले ही बड़े-बड़े दावे करे, लेकिन हकीकत कुछ और ही है।

रैन बसेरों की पड़ताल

दैनिक जागरण ने यमुनापार में सोमवार रात रैन बसेरों की पड़ताल की। इस दौरान अक्षरधाम फ्लाईओवर के नीचे बने रैन बसेरे में व्यवस्थाएं तो दुरुस्त मिलीं, लेकिन अराजक तत्वों का जमावड़ा भी देखने को मिला। साथ ही शास्त्री पार्क स्थित रैन बसेरे में भी हालत कुछ ऐसे ही देखने को मिली। जगह-जगह लोग फुटपाथ पर कंपकंपाते नजर आए, क्योंकि उन्हें रैन बसेरों में जगह ही नहीं मिली। शास्त्री पार्क में रैन बसेरा होने के बावजूद लोग खुले आसमान के नीचे सो रहे हैं।

नशा करके आते हैं लोग

लोगों ने बताया कि रैन बसेरों में ज्यादातर लोग नशा करके आते हैं और रात में शोर करते हैं, झगड़ा करते हैं। इसलिए वहां जाने में डर लगता है। वहीं, कैलाश पुस्ता रोड पर बने बस स्टॉप पर कई लोग सोते मिले। उन्होंने बताया कि इस इलाके में एक भी रैन बसेरा नहीं है, इसलिए वे कंपकंपाती ठंड में भी खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर हैं।

सुरक्षा से समझौता नहीं कर सकते

स्वामी दयानंद मार्ग स्थित जगतपुरी चौक के डिवाइडर पर एक परिवार खुले में सोने को मजबूर दिखा। डिवाइडर पर सोने की तैयारी कर रहे इस परिवार ने बताया कि यहां पास में रैन बसेरा तो है, लेकिन उसमें कई ऐसे पुरुष आते हैं, जो महिलाओं के साथ छेड़छाड़ करते हैं। इसे लेकर कई बार झगड़े भी हो चुके हैं। महिलाओं और बच्चों की असुरक्षा की वजह से खुले में सो रहे हैं।

ठंड की वजह से नहीं हुई मौत

इस सब के बीच ठंड से हुई मौतों पर सियासत भी देखने को मिल रही है। एक तरफ जहां दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने मौतों को लेकर एलजी अनिल बैजल पर निशाना साधा है। वहीं, अब दिल्ली अर्बन शेल्टर इंप्रूवमेंट बोर्ड (डूसिब) ने ठंड की वजह से होने वाली मौतों की खबरों को खारिज कर दिया है। DUSIB के सीईओ शूरवीर सिंह ने कहा कि अभी तक दिल्ली में किसी बेघर की मौत ठंड की वजह से नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि मौत के जो मामले सामने आ रहे हैं, उनकी रिपोर्ट उन्हें नहीं मिली है। किसी भी अधिकारिक संस्था की ओर से ऐसी रिपोर्ट जारी नहीं की गई है।

ठंड सेे मौत का डेेटा नहीं

सिंह ने कहा, ‘पिछले 6 दिनों में जो 44 मौतों का मामला मीडिया में दिखाया जा रहा है, हम उसे खारिज कर रहे हैं क्योंकि किसी भी मौत की वजह सर्दी नहीं है। दिल्ली में हर साल बेघरों की मौत के मामले सामने आते हैं। पिछले साल भी कई मौतें हुई थीं, लेकिन उनमें भी मौत की वजह ठंड नहीं पाई गई। जो मौत के मामले आ रहे हैं, उनको लेकर हमने पुलिस से बात की है और उनसे मौत की वजह के बारे में पूछा है। पुलिस ने भी कहा है कि ऐसा कोई डेटा नहीं है जिससे यह पता चल सके कि मौत की वजह सर्दी है।’

News Source :- www.jagran.com

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