न्यूज़ डेस्क : 19 मई को लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण के मतदान पूर्ण हो गया। नतीजों की तारीख 23 मई तय है। देश को किसकी सरकार चलाएगी, उत्तर हर कोई जानने के लिए उत्सुक है। आज शाम से एग्जिट पोल के आधार पर कयास लगेंगे कि किसका पलड़ा भारी है। पर क्या आप जानते हैं एग्जिट पोल की शुरुआत किसने की थी? हम आपको उस समय में ले जा रहे हैं जब सबसे पहला एग्जिट पोल किया गया था।
एग्जिट पोल की शुरुआत-एग्जिट पोल की शुरुआत 15 फरवरी, 1967 में नीदरलैंड में रहने वाले पूर्व राजनेता मार्सेल वॉन डैम द्वारा की गई थी। अगर भारत में एग्जिट पोल की बात की जाए तो भारत में इसे शुरू करने का पूरा श्रेय इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक ओपिनियन के मुखिया एरिक डी कोस्टा को जाता है।
कैसे बनता है एग्जिट पोल- यह एक प्रक्रिया होती है जिसे एग्जिट पोल का नाम दिया गया है। इस प्रकिया के अंतर्गत वोट देने वाले लोगों से बातचीत, पुराने आंकड़े और पूर्वानुमानों का आकलन किया जाता है। यह इकट्ठा हुए डाटा पर आधारित होता है। मतदान शुरू होने से लेकर अंतिम चरण तक एक डाटा तैयार किया जाता है, जिसके अनुसार अनुमान लगाया जाता है कि किसकी सरकार बनेगी।
बता दें ऐसा जरूरी नहीं है कि एग्जिट पोल हमेशा सही उत्तर दें। परिणाम आने पर पता चलता है कि एग्जिट पोल कितना सही था।
ओपिनियन पोल : इस सर्वे का जनक जॉर्ज गैलप और क्लॉड रोबिंसन को माना जाता है। सबसे पहले अमेरिका में चुनावी सर्वे कराया गया था। इससे प्रभावित होकर इंग्लैंड और फ्रांस ने इसे अपनाया। इंग्लैंड में इसका प्रयोग 1937 में किया गया वहीं फ्रांस ने इसे 1938 में अपनाया।
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