खुलेआम हो रही रसोई गैस सिलेंडर की कालाबाजारी

मोहखेड़ : मोहखेड ब्लॉक् सहित अन्य गांवो में रसोई गैस उपभोक्ता आए दिन सिलेंडर के लिए परेशान हो रहे है जबकि दूसरी ओर होटलों, रिफिल सेंटरो, चाय-नाशते की दुकानों पर घरेलु गैस सिलेंडर आसानी से पहुंच रहे है। सिलेंडरों की डिलीवरी देने आटो चालक सहित ही एजेंसी के जिम्मेदारो से भी इनकी सेटिंग है।

एक फोन घुमाओ और सिलेंडर हाजिर जबकि आम उपभोक्ता गोदाम और एजेंसी कार्यालय के चक्कर ही लगाता रहता है।
उल्लेखनीय है कि मोहखेड़ ब्लॉक सहित अन्य ग्रामो में जगह-जगह चाय-नाश्ते की दुकानों व ठेलो पर धडल्ले से घरेलू रसोई गैस के सिलेंडर उपयोग किए जा रहे है। कही इन्हें छुपाकर उपयोग किया जा रहा है तो कही खुलेआम। जिम्मेदार विभाग ने महीनो से सूध नहीं ली है जिसके कारण कालाबाजारियों के हौंसले बुलंद है।

उल्लेखनीय है कि उपभोक्ताओं को नंबर लगाने के बाद 15-20 दिन इंतजार करना पड़ता है, इसके बाद बमुश्किल से सिलेंडर मिल पाता है। उनके लिए तमाम नियम कायदे है। एजेंसी कार्यालय में जाए तो कभी मीठे बोलो से तो कभी, नियम बताकर मुंह बंद कर दिया जाता है। दूसरी व्यवसायिक उपयोग के लिए घरेलु सिलेंडर उपलब्ध करवाए जा रहे है, घरेलु उपभोक्ताओ के हक का सिलेंडर व्यवसायिक उपयोग के लिए दे दिया जाता है और उपभोक्ता बेचारा कभी एजेंसी तो कभी गोदाम के बीच झूलता रहता है।

रिफलिंग का करोबार भी जारी

मोहखेड़ ब्लॉक के विभिन्न गांवो में रिफलिंग का करोबार भी जारी है। मोहखेड़, पालाखेड़, राजेगांव, कामठी, लिंगा, तुर्कीखापा, बीसापुरकला, तंसरामाल, सिललेवानी, सावरी बाजार, बदनूर, महलपुर, सिमरिया, मैनीखापा सहित अन्य ग्रामो में यहा भी घरेलु सिलेंडर से ही रिफलिंग की जा रही है। इन सेंटरों में एक समय से 8-10 सिलेंडर से अधिक रखे देखे जा सकते है।

लेकिन आज विभाग द्वारा कोई भी कार्यवाही नहीं की गई। अगर विभाग को कोई शिकायत करता है इस अवैध करोबार कि तो विभाग के अधिकारियों द्वारा इन रिफलिंग धंधो वालो को आने से पहले सूचना दे दी जाती है जिससे आने से पहले सभी सिलेंडर उस जगह से गायब हो जाए।

कार्रवाई के आ लिए पहुंच भी जाये तो लेनदेन कर मामले को रफादफा कर देते है।

इन अवैध रिफलिंग धंधो वालो कि विभाग को पूरी जानकारी है लेकिन लेनदेन से इन करोबारी को हौंसले बुलंद है जिसके चलते यह लोग धडल्ले ग्रामीण क्षेत्रो में रिफलिंग करोबार है और भोले-भाले ग्रामीण उपभोक्ताओ से दुगना पैंसा वसुल रहे है।

एजेंसियों द्वारा वाहन में सिलेंडर भरकर बेच रहे गांवो में, सिलेंडर फटने से हो सकता हादसा

इन दिनो कमपीटिसन और अधिक पैंसा कमाने के चक्कर में चक्कर अब एजेंसी मालिको ने पिकअप वाहन में 20-25 से अधिक सिलेंडर भरकर गांव में लाऊडस्पीकर के माध्यम से चिल्लाकर बेच रहे है। जिसमें उमरानाला और बिछुआ एंजेसी मालिकों द्वारा गांव में इस तरह वाहनो में भरकर बेचे जा रहे है

सिलेंडरो से बस्तीयो में इसके फटने से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। इस बात की जानकारी जिम्मेदार विभाग के अधिकारियों को है लेकिन कार्रवाई के नाम पर चुप्पी साधे मौंन बैंठे है।

सालो से नहीं हुई कार्रवाई

रसोई गैस सिलेंडरो का व्यवसायिक उपयोग रोकने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा नियमित व ठोस कार्यवाई नहीं की जा रही है। जब कभी 2-4 दुकानों के खिलाफ कार्यवाई कर खानापूर्ति कर दी जाती है,

फिलहाल में कई कार्यवाई ही नहीं की गई। प्रशासनिक उदासीनता के कारण दुकानदार खुलेआम घरेलु गैस सिलेंडरो का व्यवसायिक उपयोग किया जा रहा है, जिससे कालाबाजारी को बढ़ावा मिल रहा है और इस पर सख्ती नहीं की जा रही है।

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