लंदन । हार्वर्ड टीएच चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ की एपिडेमोलॉजिस्ट कैरिन माइकल्स की मानें तो नारियल तेल पूरी तरह से जहर है और इसे खाने में बिलकुल शामिल नहीं करना चाहिए। कैरिन की मानें तो दुनिया की सबसे खराब खाने की चीजों में से एक है नारियल का तेल। यूनिवर्सिटी ऑफ फ्रीबर्ग में हुए कैरिन ने अपने हालिया लेक्चर जिसे उन्होंने नाम दिया नारियल तेल और दूसरी पोषण संबंधी गलतियों में ये बातें कही।
कैरिन की इस स्पीच को 10 लाख बार यूट्यूब पर देखा जा चुका है। कैरिन अपनी इस बात की पुष्टि के लिए कहती हैं कि नारियल तेल में सैच्युरेटेड फैट की मात्रा बहुत अधिक होती है जो शरीर में एलडीएल कलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ाने के लिए जाना जाता है और इसलिए दिल से जुड़ी बीमारियों के बढ़ने का खतरा भी अधिक होता है। नारियल तेल में 80 प्रतिशत से अधिक सैच्युरेटेड फैट होता है। नारियल तेल को खाने में शामिल करने के खिलाफ चेतावनी जारी करते हुए
ब्रिटिश न्यूट्रिशन फाउंडेशन ने कहा, ‘नारियल तेल को खाने में इस्तेमाल करना सेहत के लिए फायदेमंद है इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।’ ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन की सीनियर डायटिशन विक्टोरिया टेलर कहती हैं, नारियल के तेल में 86 प्रतिशत सैच्युरेटेड फैट हो ता है जो मक्खन में मौजूद सैच्युरेटेड फैट से एक तिहाई ज्यादा है। इस बारे में भी कुछ विचार व्यक्त किए गए हैं कि नारियल तेल में मौजूद सैच्युटरेटेड फैट दूसरी चीजों में मौजूद सैच्युरेटेड फैट की तुलना में हमारे शरीर के लिए अच्छा है,
लेकिन इस बात को साबित करने के लिए अब तक कोई ठोस रिसर्च नहीं की गई है। आमतौर पर माना जाता है कि नारियल के तेल में सैच्युरेटेड फैट की काफी अधिक मात्रा होती है जो काफी हेल्दी है। तलने-भुनने के लिए भी नारियल के तेल को अच्छा माना जाता है और कहते हैं कि नारियल तेल शरीर में उतनी आसानी से नहीं जमता जितना कि अन्य तेल इसलिए खाने में इसका इस्तेमाल वजन कम करने के लिए किया जाता है। हालांकि हार्वर्ड के एक प्रफेसर ने इन सभी दावों को सिरे से खारिज कर दिया है।
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