नई दिल्ली । खाद्य तेल पर आयात शुल्क बढ़ने से शुक्रवार को घरेलू बाजार में तेल और तिलहनों में तेजी दर्ज की गई। सरसों, सोयाबीन, सूर्यमुखी तेल के हाजिर भाव में उछाल के साथ-साथ वायदा भी तेज था। केंद्र सरकार ने सोयाबीन, कनोला, सूर्यमुखी और मूंगफली के कच्चा तेल और रिफाइंड तेल के आयात पर पांच से 10 फीसदी आयात शुल्क बढ़ा दिया है।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) की ओर गुरुवार की शाम जारी अधिसूचना के अनुसार, कच्चा सोयाबीन तेल पर आयात शुल्क 30 फीसदी से बढ़ाकर 35 फीसदी कर दिया गया है जबकि रिफाइंड सोयाबीन तेल पर आयात शुल्क 35 फीसदी से बढ़ाकर 45 फीसदी कर दिया गया है। कनोला तेल पर आयात शुल्क 25 फीसदी से बढ़ाकर 35 फीसदी कर दिया गया है।
वहीं, सूर्यमुखी के कच्चे तेल पर आयात शुल्क 25 फीसदी से बढ़ाकर 35 फीसदी कर दिया गया जबकि रिफाइंड सूर्यमुखी तेल पर आयात शुल्क 35 फीसदी से बढ़कर 45 फीसदी हो गया है। कच्चा मूंगफली तेल पर आयात शुल्क 25 फीसदी से बढ़ाकर 35 फीसदी और रिफाइंड मूंगफली तेल पर आयात शुल्क 35 फीसदी से बढ़ाकर 45 फीसदी कर दिया गया है।
मालूम हो कि इससे पहले मार्च महीने में केंद्र सरकार ने कच्चा पाम तेल पर आयात शुल्क 30 फीसदी से बढ़ाकर 44 फीसदी और रिफाइंड पाम तेल के आयात पर शुल्क 40 फीसदी से बढ़ाकर 54 फीसदी कर दिया था। तेल-तिलहन बाजार के कारोबारियों का कहना है
कि आयात शुल्क बढ़ने से भारतीय बाजार में और ज्यादा तेजी देखने को मिलती अगर अंतर्राष्ट्रीय बाजार शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड (सीबोट) पर सोयाबीन में मंदी नहीं रहती। जानकार कारोबारियों के मुताबिक अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक मसलों को लेकर टकराव की स्थिति दोबारा पैदा हो रही है जिससे सीबोट पर सोयाबीन में मंदी का रुख देखा जा रहा है।
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