न्यूज़ डेस्क : घरेलू पर्यटकों की बढ़ती संख्या के साथ केरला टूरिज़्म बाढ़ोपरांत नए आक्रामक मार्केटिंग अभियान के साथ नई करने को तैयार है।
इसके लिए भारत के दस शहरों में अनेक पार्टनरशिप मीटहोंगी, जिनमें राज्य के पारंपरिक कलारूपों एवं पर्यटकों को आकर्षित करने वाले यहां के उत्पादों का प्रदर्शन होगा।
इस महीने की शुरुआत में पटना और लखनऊ में उल्लेखनीय भागीदारी के साथ, केरल पर्यटन अधिकारियों को अब इंदौर में होने की खुशी है और आगे की साझेदारियों के लिए भोपाल, पुणे, मुंबई, नासिक, राजकोट, अहमदाबाद और सूरत में होने वाली बैठकों के लिए तत्पर हैं।
पर्यटन मंत्री, श्री कडकंपल्ली सुरेंद्रन ने बताया कि ये मीट्स, आगामी ओनम के त्योहार के साथ शुरु हो रही हैं, जिनमें इन शहरों के पर्यटन कारोबार को केरला में पर्यटन उद्योग की 50 से ज्यादा कंपनियों के साथ बात करने काअवसर मिलेगा। उन्होंने कहा, ” हमें हर शो में संबंधित शहरों से भाग लेने के लिए 60-70 के आने की उम्मीद है।’’
इस पार्टनरशिप मीट में 30 मिनट के लघु सांस्कृतिक कार्यक्रम, एक विज़्युअल स्टोरीटेलिंग की प्रस्तुति होगी, जिसमें केरला के विविध कलारूपों एवं यहां के ग्रामीण जीवन तथा लोककथाओं का प्रदर्शन होगा।
केरला में 2018 की पहली तिमाही में 38,77,712 घरेलू पर्यटकों के मुकाबले 2019 की पहली तिमाही में 8.07 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 41,90,468 घरेलू पर्यटक आए।
श्री सुरेंद्रन ने कहा कि ओनम सप्ताह का जश्न एवं केरला के खूबसूरत बैकवॉटर्स में चैंपियंस बोट लीग इस सीज़न बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करेगी। सीबीएल अगस्त की शुरुआत में आयोजित होगी और नवंबर तक चलेगी।आईपीएल फॉर्मेट में तैयार की गई यह लीग इस साल मॉनसून टूरिज़्म का सबसे प्रमुख तत्व है।
हर वीकेंड केरला आने वाला हर टूरिस्ट किसी भी टूरिज़्म बैकवाटर में ‘चैंपियंस बोट रेस’ देख सकेगा। इसका समापन 01 नवंबर (राज्य के स्थापना दिवस) को कोल्लम में प्रेसिडेंट्स ट्रॉफी बोट रेस के साथ होगा। इन वीकेंड्स पर12 रेस आयोजित होंगी। यह पर्यटकों के लिए एक विश्वस्तरीय अनुभव होगा।
चैंपियंस बोट लीग के अलावा 10 अगस्त को अलप्पुज़ः जिले में पुन्नामाडा झील पर मशहूर नेहरु ट्रॉफी बोट रेस होगी; 15 सितंबर को पथनमथिट्टा जिले में अरनमुला में पंबा नदी पर अरनमुला बोट रेस; 13 सितंबर को अलप्पुज़ःके पयीप्पड़ बैकवॉटर्स में पयीप्पड़ बोट रेस; 10 सितंबर को अलप्पुज़ः में पंबा नदी, निराट्टुपुरम में उथराड़म तिरुनाल पंबा बोट रेस और 15 जुलाई को अलप्पुज़ः में चंपक्कुलम बोट रेस आयोजित होगी।
टूरिज़्म सेक्रेटरी, श्रीमती रानी जॉर्ज ने कहा कि घरेलू पर्यटकों की संख्या में वृद्धि इस बात का प्रमाण है कि जनवरी, 2019 के बाद राज्य का पर्यटन पूरी तरह से उबर चुका है। घरेलू पर्यटकों की संख्या में वृद्धि, खासकर बाढ़ सेसर्वाधिक प्रभावित जिलों, इर्नाकुलम, अलप्पुज़ः और इडुक्की में इंगित करती है कि केरला का पर्यटन वापस पटरी पर आ गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय यात्रियों के लिए यह राज्य न केवल आकर्षक एवं संपन्न सांस्कृतिक विरासत से सराबोर होगा, बल्कि ओनम के दौरान उनका विशेष स्वागत भी करेगा।’’
श्रीमती। जॉर्ज ने कहा, “हमारा मिशन केरल को सभी स्थानों के यात्रियों के लिए एक आत्मा-हलचल वाली यात्रा के अनुभव के रूप में है, यह एक अपकमिंग पर्यटक, एक बैकपैकर, एक साहसिक-साधक, एक इतिहास शौकीन, या एक हनीमूनर हो सकता है।”
टूरिज़्म डायरेक्टर, श्री पी. बाला किरन ने कहा कि केरला ने अनेक नए और आकर्षक उत्पाद प्रस्तुत किए हैं, जो घरेलू यात्रियों के लिए अनुकूलित किए गए हैं और राज्य को 365 दिन बेहतरीन पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करतेहैं।
उन्होंने कहा, ‘‘एक विशेष आकर्षण जटायु एअर्थ सेंटर है, जहां जटायु की 200 फीट लंबी, 150 फीट चौड़ी और 70 फीट ऊँची मूर्ति लगी है, यह दुनिया में पक्षी की सबसे विशाल मूर्ति है। यह स्थान दक्षिण केरला के मध्य में होने केकारण यहां पर आसानी से पहुंचा जा सकता है।’’
एक अन्य आकर्षक स्थान भारत का पहला बायोडाईवर्सिटी म्यूजि़यम है, जो तिरुवनंतपुरम की बाहरी परिधि में स्थित है। यह म्यूजि़यम कभी एक बोटहाउस हुआ करता था, जहां पर अब राज्य का पहला साईंस ऑन स्फीयर(एसओएस) सिस्टम है।
श्री बाला किरण ने बताया कि कन्नूर अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के उद्घाटन के बाद केरला एकमात्र भारतीय राज्य बन गया है, जहां चार अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट हैं। चटपटी मोपला रसोई, किलों एवं लोककथाओं और नए एयरपोर्ट कीभूमि, कूर्ग, कोयम्बटूर और मैसुरू की सीमाओं से जुड़े मालाबार को दक्षिण भारत के नए पर्यटन गेटवे के रूप में स्थापित कर देगी। इससे राज्य को कन्नूर एवं कासरगोड जिलों में कम मशहूर स्थानों, जैसे वलियापरम्ब बैकवॉटर्स,कुप्पम और रानीपुरम पर बल देते हुए उत्तर केरला के स्थापित गंतव्यों जैसे बेकल और वायनाड में पर्यटकों को आकर्षित करने में मदद मिलेगी।
पर्यटन को एक सतत उद्यम के रूप में स्थापित करने के प्रयास में केरला ने अपनी नई पर्यटन नीति में पेपर (पीपुल्स पार्टिसिपेशन फॉर पार्टिसिपेटरी प्लानिंग एण्ड एम्पॉवरमेंट थ्रू रेस्पोंसिबल टूरिज़्म) का निर्माण किया है। इसकामुख्य उद्देश्य स्थानीय समुदाय के सक्रिय सहयोग के माध्यम से सतत रूप से नए एवं अज्ञात स्थानों को खोजना है।
केरला देश में ‘मीटिंग्स, इंसेंटिव्स, कॉन्फ्रेंसेस, एण्ड एग्ज़िबिशंस’ (माईस) टूरिज़्म में मुख्य स्थान बनाने को तत्पर है।
यहां का पर्यटन विभाग इंडियन कन्वेंशन प्रमोशन ब्यूरो (आईसीपीबी) के सहयोग से अगस्त में कोच्चि में माईसहितधारकों की नेशनल कन्वेंशन का आयोजन करेगा। आईसीपीबी अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस एवं प्रदर्शनियों के लिए उपयुक्त स्थल के रूप में देश को प्रस्तुत करने के लिए पर्यटन मंत्रालय के अंतर्गत गठित की गई एक इकाई है। इससेकेरला देश के माईस मैप पर मजबूत स्थिति में आ जाएगा।
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