कश्मीरी पत्थरबाजों को पाक -दुबई से मिल रहा है आर्थिक मदद

न्यूज़ डेस्क : जम्मू- कश्मीर में खासतौर पर, शुक्रवार की नमाज के बाद सुरक्षा बलों पर पत्थर बरसाने का जो खेलता चलता है, उसके लिए पाकिस्तान और दुबई से आर्थिक मदद पहुंचाई जाती है। प्रवर्तन निदेशालय और राष्ट्रीय जांच एजेंसी की रिपोर्ट बताती है कि पत्थरबाजों के अलावा आतंकी संगठनों को जो रुपया-पैसा मिल रहा है, वह भी सीमा पार से आता है। ना-पाक कामों के लिए भेजी जा रही इस आर्थिक मदद में पाकिस्तान के आतंकी संगठन, आईएसआई और दिल्ली स्थित पाकिस्तानी दूतावास शामिल है।

 

प्रवर्तन निदेशालय एवं दूसरी जांच एजेंसियों ने जम्मू-कश्मीर में बैठे पाकिस्तानी आतंकी संगठनों के गुर्गों का पता लगाकर अब उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। ऐसे संगठनों की संपत्ति जब्त की जा रही हैं।मंगलवार को ईडी ने अहमद शाह वटाली की 6.19 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है।

जांच एजेंसियों का कहना है कि जम्मू-कश्मीर में आतंकियों को मदद पहुंचाने के लिए एक बड़ा खेल चल रहा है। पाकिस्तान में आतंकी संगठनों ने आईएसआई और दिल्ली स्थित पाकिस्तानी दूतावास के अधिकारियों की मदद से कश्मीर में शांति व्यवस्था को बिगाड़ने की साजिश रची है। इसके लिए कश्मीर में कथित तौर पर अलगाववादी और हुर्रियत के नेताओं की मदद ली जा रही है। 

पिछले दिनों ईडी ने गुरुग्राम में पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख हाफिज सईद से जुड़ा एक विला जब्त कर लिया था। इसकी कीमत 1.03 करोड़ रुपये बताई गई है। यह विला श्रीनगर के कारोबारी जहूर अहमद शाह वटाली के नाम पर है। जांच एजेंसी के मुताबिक, हाफिज सईद ने वटाली को फंड दिया था।

बता दें कि ‘हिज्बुल मुजाहिदीन कश्मीर में सबसे ज्यादा सक्रिय आतंकी संगठन है। यह संगठन न केवल आतंकियों को जम्मू-कश्मीर में बढ़ावा दे रहा है, बल्कि अलगाववादी गतिविधियों को भी तेजी से फैलाने में मदद करता है। इसका सरगना सैयद सलाहुद्दीन पाकिस्तान के रावलपिंडी में रहता है। वह जकार्त (जम्मू ऐंड कश्मीर अफेक्टीस रिलीफ ट्रस्ट) की आड़ में आतंकवाद के लिए फंड देता है। 
 

नमाज के बाद पत्थरबाजों के मोबाइल पर आता है यह संदेश

जांच एजेंसियों का कहना है कि जम्मू-कश्मीर में शुक्रवार की नमाज के बाद एकाएक स्थानीय युवकों के मोबाइल पर एक संदेश आता है। उसके तुरंत बाद वे भारतीय सुरक्षा बलों पर पत्थराव शुरू कर देते हैं।इन पत्थरबाजों को जो भी आर्थिक या दूसरी तरह की मदद मिलती है, वह आतंकियों के गुर्गों द्वारा मुहैया कराई जाती है। इसके लिए अलगाववादी और हुर्रियत संगठनों का नाम सामने आया है।

जांच एजेंसियों ने इन संगठनों के ठिकानों पर छापेमारी कर जो दस्तावेज हासिल किए हैं, उनसे स्पष्ट हो जाता है कि भारत में आतंक फैलाने के खेल में आईएसआई के अलावा पाकिस्तानी दूतावास भी शामिल है। जांच एजेंसियों को शक न हो, इसके लिए पाकिस्तान और दुबई से आने वाला रुपया-पैसा पाकिस्तानी दूतावास के जरिए कश्मीर में पहुंचाया जाता है। भारत में आतंकी फंडिंग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के चलते प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले दिनों आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन के सात आतंकियों से जुड़ी 13 संपत्तियों को कुर्क कर लिया था। ये सारी संपत्ति जम्मू-कश्मीर में स्थित हैं, जिनमें मोहम्मद सफी शाह की संपत्ति भी शामिल है। 

सफी शाह उर्फ डॉक्टर ही इस आतंकी फंडिंग का मास्टरमाइंड रहा है। वह पाक और दुबई से आने वाला पैसा आतंकियों को पहुंचाने में मदद करता था। उसकी खुद की संपत्ति भी इस फंडिंग की वजह से बढ़ती जा रही थी। ईडी ने अपने बयान में बताया कि जांच में पता चला है कि ‘टेरर फंडिंग’ को भारत में हवाला और दूसरे चैनलों के जरिए भेजा जाता है। शाह कथित टेरर फंडिंग के एक मामले में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है। 

 

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