न्यूज़ डेस्क : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कहा है कि आतंकी फंडिंग मामलों की जांच में खुलासा हुआ है कि कट्टरपंथी अलगाववादियों ने विदेशों से मिले धन का इस्तेमाल निजी लाभ के लिए किया है। जिनमें संपत्ति बनाने और अपने बच्चों को विदेश में शिक्षा दिलाने पर किए गए खर्चे शामिल हैं।
एनआईए ने हुर्रियत कांफ्रेंस और अन्य संगठनों के शीर्ष नेताओं की जांच के बाद दावा किया कि अलगाववादियों ने घाटी में अलगाववाद की भावना भड़काने के लिए पाकिस्तान से पैसे लेना कुबूल किया। रविवार को जारी एक बयान में जांच एजेंसी ने कहा कि दुख्तरान-ए-मिल्लत की नेता आसिया अंद्राबी के बेटे की मलयेशिया में पढ़ाई खर्च पर पूछताछ की गई, जो आतंकी फंडिंग मामले में गिरफ्तार जहूर वटाली उठाता था।
जांच के दौरान अंद्राबी ने कुबूल किया कि उसने विदेशों से चंदे लिए और दुख्तरान-ए-मिल्लत घाटी में महिलाओं के विरोध प्रदर्शन का आयोजन करता था।
अन्य कट्टरपंथी नेता शब्बीर शाह को उसके कारोबार के बारे में कड़ी पूछताछ का सामना करना पड़ा। जिसमें पहलगाम स्थित उसका होटल शामिल है, जिसे उसने पाकिस्तान से मिले धन से बनाया। उससे पाकिस्तानी एजेंट द्वारा रुपये ट्रांसफर किए जाने के बारे में पूछताछ की गई।
उससे जम्मू, श्रीनगर और अनंतनाग में अर्जित संपत्ति के बारे में भी पूछताछ की गई। एनआईए हाफिज सईद, सैयद सलाउद्दीन, सात अलगाववादी नेता, दो हवाला कारोबारी और कुछ पत्थरबाजों सहित अब तक 13 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है। इनमें वटाली मुख्य हवाला कारोबारी है, जो पाकिस्तान, आईएसआई, संयुक्त अरब अमीरात और कुछ मुखौटा कंपनियों के जरिये धन लेता था।
कई और भी नपेंगे : सूत्रों का कहना है कि एनआईए ने जेलों में बंद कई अलगाववादियों और पत्थरवाजों की कुंडली तैयार कर ली है। जो लोग पीएसए के तहत बंद हैं, उनके खिलाफ एनआईए केस दर्ज करने के बाद उनसे पूछताछ कर सकती है। उनको दिल्ली ले जाने की तैयारी की जा रही है।
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