कानपूर इनकाउंटर : योगी सरकार ने विकाश दुबे के परिवार को हिरासत में ले, बढ़ाया दबिश

न्यूज़ डेस्क : कानपुर में दबिश देने गए आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के आरोपी कुख्यात अपराधी विकास दुबे के कृष्णानगर स्थित घर पर पुलिस ने शुक्रवार सुबह दबिश दी। सूचना मिली थी कि विकास कानपुर से भागकर यहां विजयनगर स्थित घर पर हो सकता है, लेकिन पूरा घर खाली मिला।

 

 

पुलिस टीम कुछ दूर स्थित उसके छोटे भाई दीप प्रकाश दुबे के मकान में पहुंची, लेकिन वह भी भाग चुका था। वहां विकास की मां सरला, दीप प्रकाश की पत्नी अंजली व उनके दो बच्चे समेत भांजी प्रियंका मिली। पुलिस ने अंजली व प्रियंका को हिरासत में लेते हुए अंजली का लाइसेंसी रिवाल्वर भी जब्त कर लिया है।

 

 

कृष्णानगर के एसीपी दीपक कुमार सिंह ने बताया कि कृष्णानगर, सरोजनीनगर व मानकनगर थाने की टीम के साथ विकास के घर पर दबिश दी गई थी। वहां सिर्फ नौकर महेश व दो कुत्ते मिले। पड़ोस के मकान की छत से डॉग मार्शल को घर के भीतर भेज कुत्तों को काबू में किया गया। इसके बाद पुलिस टीम ने घर में घुसकर चप्पे-चप्पे की तलाशी ली।

 

 

आसपास के लोगों ने बताया कि विकास यहां अपनी पत्नी व जिला पंचायत सदस्य सोना, दो बेटे आकाश और शांतनु के साथ रहता था। विकास के मकान के साथ पुलिस ने कुछ दूर स्थित उसके भाई दीप प्रकाश दुबे के मकान पर भी दबिश दी। वहां विकास की मां सरला, दीप प्रकाश की पत्नी अंजली, उसके बच्चे गुनगुन व राम और अंजली की भांजी प्रियंका उर्फ तन्नू मिलीं।

 

 

पुलिस ने शहर के अन्य ठिकानों पर भी दी दबिश

एसीपी ने बताया कि दीप प्रकाश पुलिस के डर से भाग चुका था। सरला चलने-फिरने में अक्षम हैं, इसलिए उन्हें घर पर ही पुलिस की निगरानी में छोड़ दिया गया। अंजली और प्रियंका को पुलिस ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। विकास और दीप प्रकाश की तलाश में पुलिस ने राजधानी के कई अन्य ठिकानों पर भी दबिश दी।

 

 

लाइसेंसी रिवाल्वर, पेन ड्राइव, कैमरा, डीवीआर जब्त

पुलिस को विकास के घर से कैमरा, एक डीवीआर, एक पेन ड्राइव और मोबाइल फोन के नौ डिब्बे मिले हैं। एक साधारण फोन और कुछ दस्तावेज भी मिले हैं। पुलिस ने सारा सामान जब्त कर लिया है। एसीपी का कहना है कि बरामद सामान की जांच की जा रही है। दीप प्रकाश के घर से पुलिस को उसकी पत्नी अंजली का लाइसेंसी रिवाल्वर व अन्य दस्तावेज मिले हैं।

 

 

अवैध असलहा रखने के आरोप में गया था जेल

विकास दुबे ने कानपुर के चौबेपुर स्थित बिकरू गांव स्थित घर के अलावा कई साल पहले लखनऊ के कृष्णानगर स्थित इंद्रलोक कॉलोनी में मकान बनवाया था। वह इसी मकान में परिवार के साथ रह रहा था। अक्तूबर 2017 में कृष्णानगर पुलिस ने उसे अवैध असलहा रखने के जुर्म में गिरफ्तार करके जेल भेजा था। विकास के खिलाफ लखनऊ के अन्य थानों में दर्ज मुकदमों का ब्यौरा भी खंगाला जा रहा है।

 

पैतृक मकान में रहकर संभाल रहा था पत्नी का कामकाज

विकास दुबे की पत्नी जिला पंचायत सदस्य हैं। उसकी मां सरला ने बताया कि तीन महीने पहले जब लॉकडाउन की घोषणा हुई थी, तभी विकास पत्नी-बच्चों को लेकर पैतृक मकान में रहने चला गया था। वह बिकरू स्थित घर पर रहकर पत्नी का कामकाज संभाल रहा था। बीते दिनों उसने किसी पुल व सड़क का भी ठेका लिया था।

 

 

 

मंदिर जाने की बात कह भाग निकला छोटा भाई

विकास दुबे का छोटा भाई दीप प्रकाश दुबे खेती-किसानी करता है। वह सुबह करीब आठ बजे मंदिर जाने की बात कह घर से निकला था। उसे विकास के कारनामे की जानकारी मिल गई थी और जल्द ही पुलिस के घर पहुंचने की आशंका थी। मां सरला ने बताया कि सुबह उसने मंदिर जाने की बात कही और चला गया। इसके बाद से उसका मोबाइल फोन स्विच ऑफ आ रहा है। वह कहां है? इसकी जानकारी परिजनों को नहीं है। दीप प्रकाश से छोटा एक और भाई अवनीश था, जिसकी कुछ समय पहले मौत हो चुकी है।

 

 

सरकारी सिरीज की कार से चलता था विकास

पुलिस को विकास के भाई दीप प्रकाश के घर से यूपी 32 बीजी (सरकारी) सिरीज के नंबर की सफेद रंग की एक एंबेसडर कार मिली। पूछताछ में सरला ने बताया कि कार नीलामी में खरीदी थी। उसने कार कई महीने से खराब होने की बात कही। हालांकि, कार ऐसी लग रही थी जैसे कुछ देर पहले ही खड़ी की गई हो।

 

आसपास के लोगों ने बताया कि विकास दुबे जब भी लखनऊ आता था, उसी कार से चलता था। सरकारी सिरीज का नंबर होने के चलते लोग उससे प्रभावित हो जाते थे। विकास के घर पर न होने पर इस कार को दीप प्रकाश इस्तेमाल करता था।

 

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