न्यूज़ डेस्क : बिकरू एनकाउंटर में साजिश के आरोप में जेल भेजी गई नवविवाहिता खुशी (अमर दुबे की पत्नी) की भूमिका की दोबारा जांच शुरू हो गई है। आईजी रेंज मोहित अग्रवाल ने अमर उजाला की खबरों को संज्ञान में लेकर एसएसपी को जांच कराने के निर्देश दिए थे। जांच के बाद उसके जेल से छूटने की उम्मीद है।
एनकाउंटर में मारे गए अमर दुबे की पत्नी खुशी को पुलिस ने साजिश रचने में जेल भेजा है। 29 जून को ही उसकी शादी हुई थी और वो 30 जून को बिकरू पहुंची थीं। इसके दो दिन बाद दो जुलाई को बिकरू कांड हो गया। वो दो दिन ही बिकरू में रही फिर भी पुलिस ने उसे साजिश रचने के आरोप में जेल भेज दिया।
अब आईजी का कहना है कि खुशी की भूमिका की समीक्षा की जा रही है। अगर साक्ष्य नहीं मिलेंगे तो 169 की कार्रवाई करवाकर उसे जेल से रिहा कराया जाएगा। तीन दिन के भीतर जांच पूरी हो जाएगी। जांच एसपी पश्चिम को सौंपी गई है।
बिकरू में शहीद हुए पुलिसकर्मियों का बदला लेने के लिए पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरू की। एक के बाद एक पांच एनकाउंटर किए गए। वहीं, एनकाउंटर में मारे गए अमर दुबे की नवविवाहिता पर भी पुलिस की बिना सोचे समझे की गई कार्रवाई सवालों के घेरे में आ गई है। परिजनों ने आरोप लगाया कि अमर से उनकी बेटी की शादी उन्हें गुमराह करके कराई गई थी।
शादी के दो दिन बाद बेटी ससुरालीजनों को अभी ठीक से समझ भी नहीं पाई थी कि पुलिस ने उसे इस दुर्दांत वारदात का साजिशकर्ता बना दिया था। बेकसूर बेटी के खिलाफ हुई कार्रवाई से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। पनकी रतनपुर कॉलोनी में रहने वाले खुशी दुबे के पिता श्याम ने बताया कि वह पेंटिंग का काम कर किसी तरह से पांच बच्चों के परिवार का पेट पालते हैं।
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