न्यूज़ डेस्क : पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के विश्वस्त सहयोगी ज्योतिरादित्य सिंधिया को बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्यप्रदेश के नेता हैं। ग्वालियर चंबल संभाग में मजबूत पकड़ रखते हैं।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्व. माधवराव सिंधिया के पुत्र ज्योतिरादित्य सिंधिया पार्टी के महासचिव थे लेकिन राहुल गांधी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने अपना पद भी छोड़ दिया था। इन दिनों सिंधिया मध्यप्रदेश सरकार और पार्टी के कामकाज की दिशा से थोड़ा खिन्न चल रहे थे, लेकिन सूत्र बताते हैं कि जल्द ही उनकी नाराजगी दूर हो जाएगी।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में एक बैठक हुई थी। सूत्र बताते हैं इस बैठक में ज्योतिरादित्य सिंधिया भी थे। सोनिया गांधी कुछ समय से मध्यप्रदेश की राजनीतिक घटनाओं पर नजर रख रही थी। अंतत: कांग्रेस अध्यक्ष ने ज्योतिरादित्य की पार्टी में आवश्कता को महत्वपूर्ण मानते हुए उन्हें सम्मानजनक स्थान देने का मन बनाया है।
वरिष्ठ नेता ने क्या कहा?
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि ज्योतिरादित्य केवल ग्वालियर राजघराने के सदस्य ही नहीं हैं, बल्कि कांग्रेस पार्टी के अच्छे युवा नेताओं में हैं। ज्योतिरादित्य को राहुल गांधी ने मध्यप्रदेश में कमलनाथ के साथ कांग्रेस को सत्ता में लाने की जिम्मेदारी सौंपी थी। 2018 में कांग्रेस पार्टी को मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सफलता भी मिली।
इस दौरान सिंधिया राज्य के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार थे, लेकिन शीर्ष नेतृत्व के कहने पर उन्होंने राहुल गांधी के साथ केन्द्रीय राजनीति करना ही जरूरी समझा। इसके प्रतिफल में कांग्रेस पार्टी ने ज्योतिरादित्य को प्रियंका गांधी के साथ महासचिव और पश्चिमी उत्तर प्रदेश का प्रभार भी सौंपा था।
Comments are closed.