- लिंक्डइन की रिपोर्ट में दावा- परिवर्तन के दौर से गुजर रहा पारंपरिक उद्योग
- सफलता के लिए जरूरी है कौशल में बदलाव
- 82 फीसदी भारतीय पेशेवर मानते हैं कि सफल होने को कौशल में बदलाव जरूरी
- 44 फीसदी संगठन मानते हैं कि युवा कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण को अपनाना चुनौती है
- पुरानी नौकरी के आधार पर नई नौकरी के लिए क्षमता का नहीं हो सकता आकलन
न्यूज़ डेस्क : पारंपरिक उद्योग में तेजी से हो रहे डिजिटल परिवर्तन के कारण 62 फीसदी पेशेवरों में नौकरी जाने का खतरा बना हुआ है। लिंक्डइन की बृहस्पतिवार को जारी ‘फ्यूचर ऑफ स्किल-2019’ रिपोर्ट में बताया गया है कि परिवर्तन के दौर में तीव्र गति से बदलते कौशल के कारण पेशेवर नौकरियों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।
यह रिपोर्ट ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और सिंगापुर के 4,136 कर्मचारियों और शिक्षण एवं विकास (एलएंडडी) से जुड़े 844 पेशेवरों के बीच सर्वे के आधार पर तैयार की गई है। इसके मुताबिक, 82 फीसदी भारतीय पेशेवरों का मानना है कि सफल के होने लिए जरूरी कौशल तेजी से बदल रहे हैं क्योंकि बढ़ते कौशल के साथ प्रतिभा की मांग अन्य कारकों के मुकाबले तीन गुना ज्यादा है। वहीं, कर्मचारियों और शिक्षण एवं विकास से जुड़े पेशेवर सीखने की प्रक्रिया को आवश्यक मानते हैं।
समय-लागत विकास लक्ष्यों में बड़ी बाधा :सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, 60 फीसदी भारतीय कर्मचारियों को लगता है कि शिक्षण एवं विकास लक्ष्यों को पूरा करने में समय सबसे महत्वपूर्ण बाधा है। वहीं, 37 फीसदी का मानना है कि लागत एक ऐसा कारक है, जो उनके लक्ष्यों को पूरा करने की राह में बड़ी बाधा है। संगठनों के दृष्टिकोण से 46 फीसदी को लगता है कि सीखने की कला में कमी के कारण शिक्षण एवं विकास कार्यक्रमों को सफलतापूर्वक पूरा करने में मुश्किलें आती हैं। 44 फीसदी संगठन मानते हैं कि युवा कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण को अपनाना एक चुनौती है।
कम हो रही पुराने कौशल की मांग :लिंक्डइन इंडिया के टैलेंट सॉल्यूशंस एवं लर्निंग सॉल्यूशन के प्रमुख रुचि आनंद का कहना है कि कुछ कौशल की मांग अब कम होती जा रही है क्योंकि सफल होने के लिए अलग-अलग प्रकार के कौशल की आवश्यकता होती है। यह व्यावसायिक लक्ष्यों को पूरा करने में संगठनों के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि नियुक्ति के दौरान कौशल पर ध्यान देना जरूरी है क्योंकि पुरानी नौकरी के आधार पर किसी का आकलन नहीं किया जा सकता है कि उसमें नई दुनिया में काम करने की क्षमता है या नहीं।
प्रमुख हो जाते हैं तकनीक कौशल : आनंद ने बताया कि पारंपरिक उद्योग जैसे-जैसे डिजिटल परिवर्तन से गुजरते हैं, तकनीक संबंधी कौशल प्रमुख होने लगते हैं। उनके मुताबिक, भारत में नौकरियों में सफल होने के लिए ऑटोमेशन, अनुपालन और निरंतर एकीकरण (इंटीग्रेशन) जैसे तीन कौशल जरूरी हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले कुछ वर्षों में पेशेवरों में इन तीनों कौशल को अपनाने की गति बढ़ी है। ये कौशल अभी भले ही अपने शुरुआती दौर में हैं, लेकिन भविष्य में व्यापक पैमाने पर इसे अपनाने में तेजी आएगी।
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