कोच्चि। यहां कि एक अदालत ने मंगलवार को केरल की दलित युवती के रेप व मर्डर मामले में अमीर-उल-इस्लाम को दोषी ठहराया है। सजा का फैसला कल सुनाया जाएगा। युवती की मां ने दोषी के लिए मौत की सजा की मांग की है। 2016 में लॉ की छात्रा 30 वर्षीय जिशा पेरुंमबवूर स्थित अपने घर पर मृत पायी गयी थी।
केरल स्थित एर्नाकुलम के सेशन कोर्ट ने 6 दिसंबर को इस मामले में सुनवाई पूरी की और फैसला सुनाया था। आज अमीरुल इस्लाम को दोषी ठहराया है। जिशा की मां व अन्य प्रॉसीक्यूशन जिन्होंने इस मामले को रेयरेस्ट ऑफ द रेयर केस बताया है।
भारतीय दंड संहिता और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति व अनुसूचित आदिवासी (अत्याचारों की रोकथाम) नियमों के विभिन्न वर्गों के तहत इस्लाम के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। अप्रैल में शुरू हुई जांच के दौरान 100 से ज्यादा गवाहों की जांच हुई थी। इस बर्बर अपराध के बाद तुरंत पेरुमबवूर से अमीरुल फरार हो गया और 50 दिनों बाद उसे कांचीपुरम में पुलिस ने गिरफ्तार किया। पुलिस ने बताया कि खून से सने जूते पीड़िता के घर के पास नाले से मिले जो प्राप्त किए गए सबूतों में से एक था।
पिछले साल केरल के एर्नाकुलम में 30 साल की एक दलित छात्रा के साथ बर्बर रेप और हत्या का मामला सामने आया था। अपराध ने जिशा के साथ इतना वहशीपन दिखाया था कि लोगों को दिल्ली के निर्भया कांड की याद आ गई। आरोपी ने जिशा का ना सिर्फ बलात्कार किया बल्कि उसके निजी अंगों को भी नुकसान पहुंचाया और उसकी आंत तक बाहर निकाल दी। इस घटना को लेकर पूरे केरल में हड़कंप मच गया था।
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