चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने जाट आरक्षण आंदोलन में हिंसा से हुए नुकसान की भरपाई के लिए जाट नेताओं की संपत्ति की डिटेल तैयार की जा रही है। इसके बाद इस दिशा में कदम उठाया जाएगा। यह जानकारी राज्य सरकार ने यह पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में दी। हरियाणा में फरवरी 2016 में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हिंसा में सरकारी व गैर सरकारी संपत्तियों को भारी नुकसान हुआ था। हाई कोर्ट ने नुकसान की भरपाई को लेकर दायर याचिका पर यशपाल मलिक को नए सिरे से नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
हरियाणा सरकार ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए सभी जाट नेताओं की प्रॉपर्टी की डिटेल तैयार की जा रही है। सभी अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि कानून के खिलाफ कोई भी गतिविधि हो तो दोषियों को बख्शा न जाए। इसके तहत सुप्रीम कोर्ट की ओर से डिस्ट्रक्शन ऑफ प्राइवेट एंड पब्लिक प्रॉपर्टी बनाम स्टेट ऑफ आंध्रप्रदेश मामले में दिए गए आदेश का पालन किया जा रहा है।
हाई कोर्ट के एडवोकेट अरविंद सेठ की ओर से दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि उस दौरान रेल और सड़क भी कई दिन तक प्रभावित रहा था। अरविंद सेठ ने हाई कोर्ट से अपील की है कि हरियाणा सरकार को उचित निर्देश जारी किए जाएं ताकि रेल, सड़क यातायात बाधित न हो और सरकारी व गैर सरकारी संपत्ति को भविष्य में नुकसान न पहुंचे। सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि यशपाल मलिक को नोटिस सर्व नहीं हुआ है। इस पर हाई कोर्ट ने मलिक को नए सिरे से नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
News Source: jagran.com
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