श्रीनगर । जम्मू-कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और पीपल्स डेमौक्रैटिक पार्टी (पीडीपी) का गठबंधन टूटने पर राज्यपाल एनएन वोहरा ने सभी बड़ी पार्टियों से चर्चा के बाद अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेज दी है। राज्यपाल ने रिपोर्ट के साथ ही सेक्शन 92 (जम्मू-कश्मीर के संविधान) के तहत राज्य में राज्यपाल शासन की मांग की है।
ज्ञात रहे कि भाजपा के समर्थन से राज्य में सरकार चला रही पीडीपी को मंगलवार को उस समय बड़ा झटका लगा, जब बीजेपी ने समर्थन वापसी की घोषणा कर दी। समर्थन वापसी के बाद महबूबा मुफ्ती ने राज्यपाल से मुलाकात करके अपना इस्तीफा सौंप दिया। नैशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने राज्यपाल से मुलाकात की और नए सिरे से चुनाव की मांग की। उमर अब्दुल्ला ने यह भी स्पष्ट किया कि वह किसी भी प्रकार के गठबंधन से सरकार बनाने की कोशिश नहीं करेंगे।
वहीं कांग्रेस के समर्थन की अटकलों के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस किसी भी कीमत पर पीडीपी को समर्थन नहीं देने वाली है। ऐसी स्थिति में एक ही रास्ता बचता है कि फिलहाल राज्य में राज्यपाल शासन लगा दिया जाए और नए सिरे से विधानसभा चुनाव कराए जाएं।
इस बीच इस्तीफा देने के बाद महबूबा मुफ्ती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘मैं बीजेपी के इस फैसले से अचंभित नहीं हूं। हमने पावर के लिए गठबंधन नहीं किया था। इस गठबंधन के कई बड़े मकसद थे। सीजफायर, पीएम का पाकिस्तान दौरा, 11 हजार युवाओं के खिलाफ केस वापस हुए।’ इस दौरान मुफ्ती ने बताया कि उन्होंने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है और उन्हें बताया है कि हम किसी गठबंधन की तरफ नहीं बढ़ रहे हैं।
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