न्यूज़ डेस्क : जम्मू-कश्मीर में जमीन खरीदने का अधिकार फिलहाल उन्हीं लोगों के पास है, जो डोमिसाइल प्रमाणपत्र नियमों के लागू होने से पूर्व जम्मू-कश्मीर के स्थायी नागरिक थे। डोमिसाइल प्रमाणपत्र नियम लागू होने से हालांकि पीआरसी (स्टेट सब्जेक्ट) की वैधता खत्म हो गई है, लेकिन ऐसे लोग आधार और पैन कार्ड के आधार पर जमीन खरीदने के लिए अधिकृत हैं।
दरअसल, कई प्रवासी लोगों ने डोमिसाइल प्रमाणपत्र मिलने के बाद जमीन खरीदने के लिए आवेदन किया था। इस पर सरकार की ओर से साफ किया गया है कि डोमिसाइल प्रमाणपत्र का नियम केवल नौकरियों की योग्यता प्रदान करता है। जमीन खरीदने के लिए अलग से नियमों की जरूरत होगी।
वहीं, डोमिसाइल नियम लागू होने के बावजूद जमीनों की खरीद-फरोख्त की प्रक्रिया प्रभावित नहीं हुई है। पीआरसी धारकों को पैन कार्ड और आधार कार्ड के दस्तावेजों पर जमीन खरीदने के लिए योग्य माना जा रहा है। केवल डोमिसाइल के आधार पर जब जमीन खरीदने के आवेदन आने लगे तो सरकार को स्थिति साफ करनी पड़ी। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 18 मई 2020 को, जम्मू कश्मीर डोमिसाइल प्रमाणपत्र प्रक्रिया नियम 2020, जारी किया था। अब तक प्रदेश में साढ़े 12 लाख के करीब डोमिसाइल सर्टिफिकेट जारी हो चुके हैं।
जम्मू-कश्मीर डोमिसाइल प्रमाण पत्र प्रक्रिया नियम में फिलहाल रोजगार का ही प्रावधान है। भविष्य में सरकार विधि विभाग को विश्वास में लेकर इसमें क्या नए प्रावधान करती है, वह भविष्य की बात है। -डॉ. पवन कोतवाल, वित्त आयुक्त राजस्व विभाग
डोमिसाइल नियमों में केवल रोजगार का प्रावधान होने से कोई परेशानी नहीं है। चरणबद्ध तरीके से इसमें भूमि को खरीदने से लेकर मतदान के अधिकार भी जुड़ने हैं, जिसे लेकर कोई शंका नहीं है। यह सभी प्रदेशवासियों के लिए एक समान है। -लब्बा राम गांधी, अध्यक्ष पश्चिमी पाकिस्तान रिफ्यूजी संगठन
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