जान-पहचान से नहीं, नियमों से होगी पोस्टिंग: कमलनाथ -मुख्यमंत्री ने अपनी पहली बैठक में किय ऐलान

भोपाल। पदस्थापना को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने संदेश दिया कि पोस्टिंग जान-पहचान नहीं, बल्कि नियमों से ही की जाए, जिससे किसी पुलिसकर्मी के साथ पक्षपात जैसा संदेश न जाए। पुलिस मुख्यालय में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपनी पहली बैठक में एक ही पद पर जमे अफसरों को लेकर कहा कि यह प्रथा समाप्त होना चाहिए। मुख्यमंत्री  ने पुलिस मुख्यालय पहुंचकर सभी अधिकारियों से उनकी मौजूदा पदस्थापना की तारीख के साथ नाम, बैच और शाखा के साथ परिचय लिया। सूत्रों के मुताबिक इसमें वे कुछ अधिकारियों की छह-सात साल से एक ही पद पर पोस्टिंग सुनकर चौंक गए। बाद में उन्होंने पत्रकारों से चर्चा में इसका हवाला भी दिया और कहा कि सालों से एक ही पद पर पदस्थापना की प्रथा समाप्त होगी।

वहीं, मीटिंग में पोस्टिंग को लेकर स्पष्ट किया कि जान-पहचान या चहेतों के आधार पर पुलिसकर्मियों की पदस्थापना नहीं होना चाहिए। नाथ ने अधिकारियों को कहा कि सरकार के प्रस्ताव पर अपने विचार रखना चाहिए और फैसले को लेकर चिंता नहीं करना चाहिए। सहमति-असहमति अलग विषय होता है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि पुलिस अपनी छवि खुद बनाती है। प्रदेश की छवि बनाने में पुलिस की अहम भूमिका होती है। सूत्रों ने बताया कि जब गांव में कहीं खड़े होते हैं और किसी अवैध गतिविधि के बारे में पूछते हैं तो बताया जाता है कि पुलिस ही तो करा रही थी। नाथ ने कहा कि पुलिस अपनी छवि खुद बनाती है या बिगाड़ती है।

भोपाल (ईएमएस)। पदस्थापना को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने संदेश दिया कि पोस्टिंग जान-पहचान नहीं, बल्कि नियमों से ही की जाए, जिससे किसी पुलिसकर्मी के साथ पक्षपात जैसा संदेश न जाए। पुलिस मुख्यालय में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपनी पहली बैठक में एक ही पद पर जमे अफसरों को लेकर कहा कि यह प्रथा समाप्त होना चाहिए। मुख्यमंत्री  ने पुलिस मुख्यालय पहुंचकर सभी अधिकारियों से उनकी मौजूदा पदस्थापना की तारीख के साथ नाम, बैच और शाखा के साथ परिचय लिया। सूत्रों के मुताबिक इसमें वे कुछ अधिकारियों की छह-सात साल से एक ही पद पर पोस्टिंग सुनकर चौंक गए। बाद में उन्होंने पत्रकारों से चर्चा में इसका हवाला भी दिया और कहा कि सालों से एक ही पद पर पदस्थापना की प्रथा समाप्त होगी। वहीं, मीटिंग में पोस्टिंग को लेकर स्पष्ट किया कि जान-पहचान या चहेतों के आधार पर पुलिसकर्मियों की पदस्थापना नहीं होना चाहिए।

नाथ ने अधिकारियों को कहा कि सरकार के प्रस्ताव पर अपने विचार रखना चाहिए और फैसले को लेकर चिंता नहीं करना चाहिए। सहमति-असहमति अलग विषय होता है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि पुलिस अपनी छवि खुद बनाती है। प्रदेश की छवि बनाने में पुलिस की अहम भूमिका होती है। सूत्रों ने बताया कि जब गांव में कहीं खड़े होते हैं और किसी अवैध गतिविधि के बारे में पूछते हैं तो बताया जाता है कि पुलिस ही तो करा रही थी। नाथ ने कहा कि पुलिस अपनी छवि खुद बनाती है या बिगाड़ती है।  मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस की जरूरतों का मूल्यांकन होगा। उन्होंने स्वीकार किया कि पुलिस का बजट कम है और उसे बढ़ाया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक योजना शाखा ने पुलिस बल और जनसंख्या के राष्ट्रीय औसत की जानकारी दी तो उन्होंने कहा कि प्रदेश में तो बेहद स्थिति खराब है। सीएम ने पुलिस बल बढ़ाए जाने की बात भी कही। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पत्रकारों से चर्चा में रोजगार के मुद्दे पर यूपी-बिहार के लोगों को लेकर मचे बवाल पर सफाई दी।

उन्होंने कहा कि मैंने यूपी या बिहार के लोगों को रोजगार न देने की बात नहीं कही, बल्कि निवेश करने वालों को 25 फीसदी अनुदान देने के लिए 70 प्रतिशत स्थानीय लोगों को रोजगार की शर्त बताई थी। नाथ ने कहा कि यह व्यवस्था गुजरात और देश के अन्य हिस्सों में भी है। सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री ने सड़क दुर्घटनाओं में मौतों के मामले में मप्र में राष्ट्रीय औसत से ज्यादा संख्या होने पर चिंता जताई। उन्होंने जब इसके कारण पूछे तो डीजीपी आरके शुक्ला ने कहा कि प्रदेश की सड़कें चौड़ी और अच्छी हो गई हैं तो लोग तेजी से गाड़ियां चलते हैं। इस पर सीएम ने टोकते हुए कहा कि इसके अलावा कुछ तकनीकी खामियों से भी एक्सीडेंट होते हैं। इसके बाद कुछ अधिकारियों ने रोड सेफ्टी नियमों का पालन नहीं होने तो रोड इंजीनियरिंग का ध्यान नहीं रखे जाने से जैसे कारण भी गिनाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पर ध्यान देना चाहिए और दुर्घटना संभावित क्षेत्रों का पता लगाकर काम करना चाहिए।

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