पूज्य “सद्गुरुदेव” जी ने कहा – यह मन ही है जो सांसारिक मतभेद पैदा करता है। जब साधक ज्ञान प्राप्त करता है और ब्रह्माण्ड के साथ एकत्व अनुभव करना शुरू कर देता है, तो मन का द्वैत मिट जाता है। इसलिए, हर समय शान्ति और समाधान प्राप्त करने के लिए ज्ञान प्राप्त करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए ..! ज्ञान की महत्ता प्रतिपल प्रतिक्षण है। इसलिए ज्ञान की प्राप्ति के लिए हमेशा पुरुषार्थ करना चाहिए। ज्ञान ही मनुष्य की वास्तविक शक्ति है। संसार की हर वस्तु नष्ट हो जाती है। धन भी आज है कल नहीं, लेकिन केवल ज्ञान ही ऐसा है जो मनुष्य का साथ नहीं छोड़ता है। ज्ञान की आराधना का कोई भी अवसर नहीं छोड़ना चाहिए। एक बिन्दु जब सिन्धु में प्रवेश करता है, तब वह भी सिन्धु बन जाता है। वह ही बिन्दु जब धूल में प्रवेश करता है तो उसका अस्तित्व नष्ट हो जाता है। पूज्य “आचार्यश्री” जी ने कहा – हर मानव के अन्दर अनन्त ज्ञान छुपा हुआ है, आवश्यकता है तो बस आवरण हटाने का। जिस प्रकार अग्नि के ऊपर राख आ जाए तो हम यह नहीं कह सकते कि अग्नि नहीं है, ठीक उसी प्रकार अंतराय कर्म के उदय के कारण ज्ञान प्रकट नहीं हो तो यह नहीं कह सकते कि हमारे अन्दर ज्ञान नहीं है। ज्ञान की प्राप्ति ही मनुष्य का वास्तविक लक्ष्य है।
अतः सच्चे ज्ञान को प्राप्त करने का हर समय उपाय करते रहना चाहिए। वास्तविक ज्ञान आध्यात्मिक ज्ञान है, वही मनुष्य की सच्ची शक्ति है। वास्तविक ज्ञान ही जीवन का सार और आत्मा का प्रकाश है। जीवन का प्रत्येक पल अंतहीन सम्भावनाओं से भरा हुआ है, अतः स्वयं में समाहित अनन्त और विराट को उजागर करने के लिए स्वयं के प्रति सचेत रहें। “स्वर्ग से ऊपर चमकते सूर्य से भी अधिक प्रकाशवान हमारी अंत:प्रज्ञा है।” आत्मानुभूति के पश्चात् साधक स्वर्ग की सापेक्ष धारणा से ऊपर उठ जाता है। यदि हम महापुरुषों का जीवन देखें तो स्वीकार करेंगे कि वे सदैव आत्मनिरीक्षण करते थे। उनकी प्रत्येक भूल उन्हें नवीन सुधार की ओर प्रेरित करती थी। यदि हममें महान बनने की चाहत उठे तो दूसरे को कमजोर समझने की भावना त्याज्य करनी होगी। प्रयास हो कि दूसरों की त्रुटियाँ देखने की अपेक्षा अपनी कमियाँ तलाशें। अपनी शक्ति को पहचानने में ही मनुष्य की अलौकिक शान है। प्रभु ने हमें विभूति-विरासत सौंपते समय विश्वास किया था कि इनका दुरुपयोग कभी नही होगा। इसलिए जो शक्ति हमारे भीतर है, उससे कहीं अधिक शक्ति पहले से विद्यमान है …।
Related Posts
Comments are closed.