निजी संस्थानों मैं आरक्षण लागु करना मुश्किल : प्रकाश जावेडकर

9 जनवरी को सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमज़ोर लोगों के लिए केंद्र सरकार की नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में 10 फ़ीसदी के आरक्षण बिल को संसद के दोनों सदनों से पारित होने के बाद अब राष्ट्रपति से मंजूरी मिल चुकी है. इसके साथ ही सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमज़ोर लोगों को 10 फ़ीसदी आरक्षण विधेयक ने अब क़ानून का रूप ले लिया है लेकिन मंगलवार को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आरक्षण को लेकर एक नया राग छेड़ा है.

 

उन्होंने देश के प्राइवेट सेक्टर के उच्च शिक्षा संस्थानों में भी इसे लागू करने का इरादा ज़ाहिर किया है.
जावड़ेकर ने कहा, “संसद ने जो 124वां संविधान संशोधन किया. उसके अनुसार मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने फ़ैसला लिया है कि इस वर्ष से, 2019 के सत्र से ही 10 फ़ीसदी आरक्षण लागू होगा. 10 फ़ीसदी आरक्षण आर्थिक आधार पर ग़रीबों के लिए जो किया गया है, और ये करते समय एससी, एसटी, ओबीसी के आरक्षण को बिल्कुल धक्का नहीं लगेगा, वो बरकरार रहेंगे. और ये एडिशनल 10 परसेंट होंगे.”

 

“इसके लिए आज मीटिंग हुई यूजीसी, एआईसीटीई और हमारे अधिकारी के बीच. इसी वर्ष से इसे लागू करने के लिए सभी विश्वविद्यालयों को सूचना दी जाएगी और उनके प्रॉस्पेक्टस में ये डाला जाएगा कि 10 फ़ीसदी आरक्षण, जो अनारक्षित वर्ग है, जिनको आज तक आरक्षण नहीं मिला है, ऐसे वर्गों के छात्रों के लिए 10 फ़ीसदी आरक्षण रहेगा, ये आर्थिक आरक्षण रहेगा, और इसमें निजी संस्थानों में भी आरक्षण लागू रहेगा. 40 हज़ार कॉलेज और 900 विश्वविद्यालयों में ये लागू रहेगा. और इसके लिए ज़्यादा सीटें निर्माण करेंगे.”

 

 “आज देश में चार करोड़ छात्र कॉलेज में पढ़ रहे हैं. टेक्नीकल, नॉन टेक्नीकल, मैनेजमेंट, आर्ट, साइंस, कॉमर्स सभी फैकेल्टिज़ में ये आरक्षण लागू होगा. और इसके लिए यूजीसी, एआईसीटीई और मंत्रालय एक हफ़्ते में निकालेंगे. यह बहुत बड़ा फ़ैसला है और इसके लिए संसद को भी हम रिपोर्ट करेंगे.” 

“10 परसेंट आरक्षण रख कर एससी-एसटी और ओबीसी को बाधित किए बगैर, अभी यदि 100 लोगों को एडमिशन मिल रहा है तो क़रीब 125 लोगों को एडमिशन मिलेगा.”

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