मुंबई : रुपए में कमजोरी से इस दीवाली पर घर पर रोशनी करना महंगा पड़ सकता है। रोशनी के लिए ज्यादातर लाइटिंग सामान जैसे लड़ी-झालर, दीए, बल्ब, एलईडी और भगवान की मूर्तियां आदि आयात होते हैं और कमजोर रुपए से इनका आयात महंगा हो गया है। ऐसे में घरेलू बाजार में इन उत्पादों के दाम बढ़ सकते हैं।
सामान महंगे होने से इनका कारोबार भी सुस्त रह सकता है। दिल्ली में लाइटिंग सामान बेचने वाले करीब 4,500 कारोबारी हैं। जिनका सालाना कारोबार 1,500 से 2,000 करोड़ रुपए होने का है। दिल्ली के भगीरथ पैलेस इन सामान के कारोबार का बड़ा केंद्र है।
दिल्ली के एक लाइटिंग सामान आयातक ने बताया कि दीवाली के लिए जुलाई-सितंबर के दौरान ज्यादातर लाइटिंग सामान का आयात होता है और इस समय आयात के भुगतान का समय है। बीते साल की तुलना में डॉलर के मुकाबले रुपया करीब 8 फीसदी कमजोर हुआ है, जिससे लाइटिंग सामान का आयात 15 से 20 फीसदी महंगा हो गया है। इसका असर दीवाली पर इनकी कीमतों में दिखेगा और ये 15 से 20 फीसदी महंगे मिलेंगे।
डॉलर के मुकाबले रुपया अब तक के निचले स्तर 72 के करीब पहुंच गया है, जो पिछले साल की तुलना में 12 फीसदी से ज्यादा कमजोर है। दीवाली पर बिकने वाला 60 से 70 फीसदी लाइटिंग सामान खासकर लड़ी-झालर का चीन से आयात होता है।
कमजोर रुपए से इनके दाम 20 फीसदी तक बढ़ गए हैं। दाम ज्यादा होने से दीवाली पर इनकी बिक्री भी घटने की आशंका है। रुपए में रिकॉर्ड गिरावट को देखते हुए अब कारोबारी आगे ऑर्डर देने से बच रहे हैं।
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