न्यूज़ डेस्क : कुंभकोणम में तमिलनाडु विद्युत उत्पादन और वितरण निगम (तैनजेडको) में कार्यरत रहे एस कलियापेरुमल का विवाह सुशीला से हुआ था और उन्होंने अपनी पत्नी को आधिकारिक दस्तावेजों में अपना नामित (नॉमिनी) घोषित किया था। सुशीला कैंसर से पीड़ित थीं तो उन्होंने अपनी बहन मलारकोडि को अपने पति से शादी करने की अनुमति दे दी थी।
इसके बाद तीनों एक ही घर में दंपती के तीन बेटों और तीन बेटियों के साथ रह रहे थे। बाद में सुशीला का निधन हो गया और कलियापेरुमल ने मलारकोडि को 2015 में अपना कानूनी उत्तराधिकारी बनाने के लिए आवेदन किया। इसके लिए उनके बेटे और बेटियां सहमत थे।
वहीं, विद्युत निगम की ओर से इस संबंध में संशोधन किए जाने से पहले ही उसी साल कलियापेरुमल की भी मृत्यु हो गई। लेकिन तैनजेडको ने कोई फैसला नहीं किया। इसलिए मलारकोडि की ओर से यह रिट याचिका दाखिल की गई है।
न्यायमूर्ति एस वैद्यनाथन के समक्ष याचिका हाल ही में सुनवाई के लिए आई थी। उन्होंने इस पर अंतिम निर्णय के लिए मामले को वृहद पीठ के पास भेजने का फैसला किया। इसे लेकर एकल पीठ की ओर से रजिस्ट्री को निर्देश दिया गया है कि मुख्य न्यायाधीश के समक्ष इस मामले को रखा जाए ताकि फैसले के लिए पीठ का गठन किया जा सके।
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