हॉटस्टार ऑउट ऑफ लव के सर्वेक्षण में यह जानने का प्रयास किया गया कि लोग अपनी शादी में बेवफ़ाई क्यों करते हैं?
इंदौर सबसे ज़्यादा इन्सेक्योर महसूस करता है, लेकिन 40 फीसदी उत्तरदाताओं का कहना है कि वे अपने पार्टनर की बेवफ़ाई को भूल जाएंगे l
न्यूज़ डेस्क : हॉटस्टार ने माइंडषेयर और उनोमर के साथ साझेदारी में हाल ही में अपने स्वतन्त्र सर्वेक्षण के परिणाम जारी किए, जिसमें बेवफ़ाई पर भारत के नज़रिए को समझने का प्रयास किया गया है। हॉटस्टार आउट ऑफ लव के इस सर्वेक्षण का उद्देष्य है, भारत के विभिन्न शहरों और विभिन्न आयुवर्गों में शादी-षुदा लोगों के रिष्ते को समझना, जीवनसाथियों के बीच आपसी भरोसे और वफ़ादारी को महत्व को समझना। इस अध्ययन के माध्यम से इंदौर के विवाहित लोगों की मानसिकता और सोच को समझने का प्रयास किया गया है
इंदौरे के 65 फीसदी लोग अपनी शादी में इन्सेक्योर महसूस करते हैं।
हॉटस्टार आउट ऑफ लव के सर्वेक्षण के मुताबिक भारत में आधे लोग अपनी शादी में इन्सेक्योर महसूस करते हैं; 45 फीसदी लोग अपने जीवनसाथी को बिना बताए उनका फोन चैक करना चाहते हैं और 55 फीसदी लोग पहले से ऐसा कर चुके हैं। रोचक तथ्य यह है कि इंदौर से 65 फीसदी उत्तरदाताओं ने दावा किया वे अपने जीवनसाथी को बताए बिना उनका फोन चैक कर चुके हैं, इस दृष्टि से इंदौर देष में दूसरे स्थान पर है। हालांकि शक की रैंकिंग ज़्यादा नहीं है क्योंकि सिर्फ 26 फीसदी उत्तरदाताओं ने कहा कि उन्हें लगता है कि उनका जीवनसाथी उन्हें धोखा दे सकता है।
एक्टर सोनी राज़दान ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि अपने रिष्ते में इंसेक्युरिटी के कारण लोग जासूसी करना चाहते हैं- जब आप बहुत यंग होते हैं- जब आप किसी से बहुत ज़्यादा प्यार करते हैं या अपनी जीवनसाथी को लेकर आपमें बहुत ज़्यादा जुनून होता है। इसके विपरीत अगर आपको पहले से कोई धोखा दे चुका हो तब भी आप ज़्यादा इन्सेक्योर महसूस करते हैं। आप महसूस कर सकते हैं अगर आपका पार्टनर आपसे दूर होने लगे। यह मनुष्य के लिए स्वाभाविक है। मुझे लगता है कि इंसेक्युरिटी किसी भी रिष्ते में शामिल होती है।’’
एक्टर नेहा धूपिया ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि अगर आप एक रिष्ते के लिए एक सौ फीसदी प्रतिबद्ध हैं, आपने एक व्यक्ति से शादी करने का फैसला ले लिया है, तो आपको ऐसा कर लेना चाहिए। फिर पार्टनर की जासूसी करने का कोई अर्थ नहीं। जासूसी जैसी चीज़ें बहुत ज़्यादा प्यार से शुरू होती हैं, अगर एक महिला या पुरूष का आत्मविष्वास बहुत कम है तो वह अपने रिष्ते में इन्सेक्योर महसूस कर सकता है।’’
डॉ रमन लाम्बा- लाईफ कोच, थेरेपिस्ट और क्वांटम मेडिसिन डॉक्टर ने कहा, ‘‘एक मनुष्य होने के नाते भावनात्मक पहलुओं के कारण हमारे व्यवहार में बदलाव आता है। वे लोग जो सेक्योर महसूस करना चाहते हैं, वे अपनी भावनाओं और वातावरण को नियन्त्रण में रखते हैं, और किसी भी जानकारी को लेकर सेक्योर रहना चाहते हैं। यही इच्छा उन्हें अपने जीवनसाथी का फोन या ईमेल चैक करने के लिए प्रेरित करती है।’’
बेवफाई के मामले में क्या इंदौर के लोग माफ करेंगेे ,भलू जाएंगेे या लड़ेंगे ?
सर्वेक्षण में यह भी पता चला है कि 78 फीसदी भारतीय बोल्ड होकर इन्फिडिलिटी का सामना करेंगे। इंदौर के 40 फीसदी लोगों के अनुसार वे इसे भूल जाएंगे- यह आंकड़ा देष में सबसे अधिक है, जबकि 15 फीसदी लोगों ने कहा कि वे इसके लिए लड़ेंगे, यह आंकड़ा देष में सबसे कम है। तकरीबन आधे यानि 45 फीसदी लोगों ने कहा कि वे अपने पार्टनर को माफ़ कर देंगे।
नेहा धूपिया ने कहा, ‘‘बेवफाई को लेकर हर व्यक्ति का अपना नज़रिया होता है। हर व्यक्ति इसे अलग तरीके से लेता है और अलग तरीके से इस पर प्रतिक्रिया करता है। कुछ लोग समझौता नहीं करना चाहते, कुछ लोग पीछे हट जाते हैं, कुछ लोग भूल जाते हैं तो कुछ लोग माफ़ कर देते हैं।’’
सोनी राजदान ने कहा ‘‘जब माफ करने की बात करती है जो लोग माफ़ कर देते हैं, क्योंकि आप मनुष्य हैं। कभी कभी आप अपने पार्टनर को इसलिए माफ़ करते हैं कि आप उसे बहुत ज़्यादा प्यार करते हैं। आप उसी के साथ रहना चाहते हैं, आपको लगता है कि आपका रिष्ता इस घटना से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। कभी कभी आप आर्थिक सहयोग के लिए या अपने बच्चों के भविष्य के लिए अपने साथी को माफ़ कर देते हैं। मुझे लगता है कि बेवफ़ाई में माफ़ करने के अलग अलग कारण होते हैं, और यह कोई बुरी बात भी नहीं।’’
डॉ रमन लाम्बा ने कहा, ‘‘बेवफाई के कई प्रकार हैं; कुछ सिर्फ शारीरिक ज़रूरतों से जुड़े हैं, जबकि कुछ भावनात्म हैं। बेवफाई अक्सर योजना बनाकर नहीं की जाती। यह इसलिए होती है कि एक व्यक्ति का अपनी भावनाओं पर नियन्त्रण नहीं रहता। अक्सर वे अपने आप को अकेला महसूस करते हैं और इस मनोवैज्ञानिक, भावनात्मक या शारीरिक अकेलेपन को दूर करने की कोषिष करते हैं।’’
हॉटस्टार आउट ऑफ लव ने माइंडषेयर और उनोमर के साथ साझेदारी में महानगरों एवं पहले स्तर के शहरों में 18 से 64 वर्ष के 1088 विवाहित लोगों पर सर्वेेक्षण किया, जिसमें पुरूष और महिला अनुपात 55ः50 था। सर्वेक्षण डिजिटल रिवर सैम्पलिंग के आधार पर किया गया, इसमें भारत में स्मार्टफोन इस्तेमाल करने वाली आबादी पर अध्ययन किया गया।
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