मुंबई। चेन्नर्इ सुपर किंग्स के कप्तान कैप्टन महेंद्र सिंह धोनी ने कहा है कि आईपीएल में निचले क्रम में बल्लेबाजी करना उनके लिए आसान नहीं रहा। धोनी ने साथ ही कहा कि बढ़ती उम्र के कारण उन्हें अपनी फिटनेस पर और ज्यादा देना पड़ता है। धोनी ने कहा, ‘जब मैंने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया, तब से फिटनेस की बातें शुरू हुईं। जब बात आईपीएल की है तो जब हम टीम के साथ बैठते, तब मैं मन बना चुका होता कि मुझे शीर्ष क्रम में उतरना होगा
क्योंकि उम्र के लिहाज से यदि मैं निचले क्रम पर उतरूंगा तो काफी कठिनाई होगी।’ धोनी ने आईपीएल के 11वें सत्र में 16 मैच खेलकर कुल 455 रन बनाए हैं। उन्होंने 3 अर्धशतक भी लगाये। इस पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा, ‘मैं यह तय करना चाहता था
कि मैच जीतने की जिम्मेदारी उठाई जाए, पर जब मैं निचले क्रम पर उतरता तो अपने को ही समय नहीं दे पाता। जब मैं ऊपरी क्रम में बल्लेबाजी की बात करता हूं तो इसका मतलब 3, 4 या 5वें नंबर पर बल्लेबाजी करना नहीं बल्कि ओवर्स की संख्या के बारे में है।’ ऊपरी क्रम पर कुछ बल्लेबाज अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे उनकी जगह बदलना भी संभव नहीं था।
उन्होंने कहा, ‘जब अंबाती रायुडू ने नंबर-4 पर बल्लेबाजी करना शुरू किया तो मुझे उन्हें वह जगह देनी थी क्योंकि वह हमारी टीम के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज थे। इसलिए जब उन्हें टीम की जरूरत के हिसाब से उतरना पड़े तो भी उन्हें नंबर-4 पर ही खेलना होता क्योंकि वह उस स्थान के लिए सबसे उपयुक्त थे।’
36 वर्षीय धोनी ने साथ ही कहा कि आईपीएल में मिडिल ऑर्डर में खेलने से उन्हें ज्यादा आक्रामक होने का मौका मिला। उन्होंने कहा, ‘जब मैं बल्लेबाजी करने उतरता तो मुझे आक्रामक अंदाज में खेलना पड़ता। ऐसा इसलिए भी था क्योंकि यदि मैं आउट भी हो जाऊं तो आने वाले बल्लेबाज को मौका मिले और वे टीम को जीत दिला सकें, जो जरूरत भी होती है।’
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