आईपीएल अनिश्चित काल के लिए स्थगित, खिलाडियों की सुरक्षा के लिए बनाया गया ‘बायो बबल’ भी फेल

न्यूज़ डेस्क : तीन मई को कोलकाता नाइट राइडर्स के स्पिन गेंदबाद वरुण चक्रवर्ती और तेज गेंजबाद संदीप वारियर कोरोना संक्रमित पाए गए थे। इसके बाद अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के साथ होने वाले मैच को स्थगित कर दिया गया था। चेन्नई सुपर किंग्स के स्टाफ के सदस्य भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए। वहीं, इसके बाद कोरोना वायरस सनराइजर्स हैदराबाद और दिल्ली कैपिटल्स के खेमे में भी पहुंचा। सनराइजर्स के विकेटकीपर बल्लेबाद ऋद्धिमान साहा और दिल्ली के स्पिनर अमित मिश्रा भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए। इसके बाद आईपीएल को स्थगित करने का फैसला लिया गया।

 

 

 

जानिए क्या होता है बायो बबल

बायो बबल या जैव सुरक्षित वातावरण ऐसा क्षेत्र होता है जिसके अंदर रहने वाले लोगों का संपर्क बाहरी दुनिया से बिल्कुल नहीं रहता। आईपीएल के लिए बनाए गए बायो बबल में खिलाड़ियों और टूर्नामेंट से जुड़े सभी लोग शामिल थे। इन्हें इससे बाहर निकलने की अनुमति नहीं थी। आसान शब्दों में कहें तो यह एक काल्पनिक बुलबुले की तरह होता है और इसमें मौजूद सभी लोगों के लिए इससे बाहर निकलना प्रतिबंधित होता है। ऐसा इसलिए कि बाहरी दुनिया से संपर्क ही न हो और वायरस अंदर न आ सके। बीसीसीआई के अनुसार बायो बबल को तोड़ना कोड ऑफ कंडक्ट के उल्लंघन के तहत आता है।

 

 

 

उल्लेखनीय है कि कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाड़ी वरुण चक्रवर्ती अपने कंधे का स्कैन करवाने के लिए अस्पताल गए थे। बीसीसीआई के नियमों के अनुसार जरूरत पड़ने पर खिलाड़ी पीपीई किट पहनकर अस्पताल जा सकते हैं। माना जा रहा है कि इसी दौरान वह कोरोना वायरस से संक्रमित हुए और बायो बबल टूटा। चेन्नई सुपर किंग्स के गेंदबाजी कोच लक्ष्मीपति बालाजी और एक बस क्लीनर भी कोरोना की चपेट में आ गया है। अब सवाल ये उठ रहे हैं कि देशभर में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के चलते  इतने गंभीर हालात होने पर भी पर्याप्त सावधानी क्यों नहीं बरती गई।

 

 

ट्रैकिंग डिवाइस पर उठे सवाल

सूत्रों के अनुसार आईपीएल की एक फ्रेंचाइजी ने बीसीसीआई से शिकायत की है कि बायो बबल बना रहे यह सुनिश्चित करने के लिए इस्तेमाल हो रहीं ट्रैकिंग डिवाइस घटिया गुणवत्ता की हैं। दरअसल, खिलाड़ी बायो बबल में ही रहें, इस पर नजर रखने के लिए सभी खिलाड़ियों को एक ट्रैकिंग डिवाइस दी गई थी। खिलाड़ी अगर निर्धारित इलाके से बाहर जाते हैं तो ये डिवाइस उन्हें अलर्ट करती है।पिछला आईपीएल कोरोना के साये में दुबई में हुआ था। तब भी यह व्यवस्था अपनाई गई थी। लेकिन, तब यह डिवाइस ब्रिटेन की एक कंपनी ने उपलब्ध कराई थी और इस बार यह चेन्नई की एक कंपनी से ली गई थी। 

 

 

इसे लेकर बीसीसीआई से शिकायत करने वाली फ्रेंचाइजी ने यह भी कहा है कि यह ट्रैकिंग डिवाइस सही डाटा नहीं दे रही है। बता दें कि यह डिवाइस एक रिस्ट बैंड की तरह होती है जो एक सेंट्रल पैनल से जुड़ी होती है। खिलाड़ियों को या बायो बबल में रहने वाले लोगों को इसे हाथ में पहनना होता है। इससे पता चलता है कि कौन बायो बबल का उल्लंघन कर रहा है। अब अगर यह मशीन सही से काम नहीं कर रही थी तो सवाल यह  है कि ब्रिटेन की जिस कंपनी ने दुबई में यह काम सफलतापूर्वक किया था तो इस बार लापरवाही क्यों बरती गई और इस सीजन में भी उसे ही यह काम क्यों नहीं दिया गया।

 

 

 

मुंबई में हो सकते हैं बाकी मैच

सूत्रों के अनुसार आईपीएल के बाकी बचे हुए सभी मैच मुंबई में करवाए जा सकते हैं। बीसीसीआई पूरी मशीनरी को मुंबई ले जाने पर काम कर रहा है। इसके अलावा लगभग सभी टीमों ने कोलकाता और बैंगलोर जाने से इनकार कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आईपीएल को पूरी तरह मुंबई ले जाने की अंतिम तारीख सात मई रखी गई है। जानाकारी के अनुसार बीसीसीआई इसमें लगा हुआ है। हालांकि, अगर आईपीएल के बाकी सभी मैच मुंबई में कराए जाते हैं तो तो दोबारा बायो बबल तैयार करने, होटल और स्टेडियम सैनिटाइज करने और कोरोना से बचाव संबंधी बाकी इंतजामों में समय लग सकता है।

 

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