न्यूज़ डेस्क : यदि आपके पास सस्ता हेलमेट है तो आज ही बदल दीजिए। क्योंकि, बगैर आईएसआई होलमार्क लगे हेलमेट लगाने पर पुलिस उतना ही जुर्माना लगाएगी, जितना कि बिना हेलमेट लगाने पर लगता है। नई दिल्ली क्षेत्र में इस तरह के चालान किए रहे हैं। एक सितंबर से संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट लागू होने के बाद जहां यातायात के नियम तोड़ने वालों से भारी भरकम जुर्माना वसूला जा रहा है। वहीं, दिल्ली में जगह-जगह सड़क किनारे बिक रहे हेलमेट की बिक्री भी बढ़ी है। टोपीनुमा हेलमेट करीब 100 से 200 रुपये के बीच मिल रहा है।
ज्यादातर लोग इसे ही तरजीह दे रहे हैं, जबकि ट्रैफिक पुलिस की मानें तो टोपीनुमा हेलमेट वाहन सवारों की पूरी सुरक्षा नहीं करता। इस पर आईएसआई का होलमार्क भी नहीं लगा होता। कई लोग ऐसे भी मिले हैं, जिनके हेलमेट के पीछे नकली होलमार्क तक लगा हुआ है। पुलिस ना सिर्फ इनका एक हजार रुपये का चालान कर रही है, बल्कि भविष्य में मजबूत हेलमेट रखने की हिदायत भी दे रही है।
मथुरा रोड पर सड़क किनारे हेलमेट बेचने वाले महेश यादव बताते हैं कि वे बिहार के निवासी हैं और कई साल से हेलमेट बेच रहे हैं। कुछ दिनों में उनके यहां काफी बिक्री हुई है। दिनभर में पहले एक या दो हेलमेट बिकते थे, लेकिन अब चार से पांच हेलमेट प्रतिदिन बिकते हैं। लोग सस्ते हेलमेट को ज्यादा तरजीह देते हैं। करोल बाग स्थित व्यापारी विश्वजीत सिंह का कहना है कि ज्यादातर लोग दो तरह का हेलमेट रखते हैं। एक जिसकी गुणवत्ता काफी बेहतर होती है और दूसरा हेलमेट टोपीनुमा या सामान्य कमजोर सा, जिसका इस्तेमाल दोपहिया वाहन पर पीछे बैठने वाला करता है, जबकि दोनों ही वाहन सवार को बेहतर और मजबूत हेलमेट पहनना चाहिए। उनके यहां भी 300 रुपये तक के हेलमेट की मांग ज्यादा रहती है। आईएसआई होलमार्क वाला मजबूत हेलमेट की कीमत 400 रुपये से शुरूआत होती है।
महिलाएं भी पहनें मजबूत हेलमेट : स्कूटी या बाइक सवार महिलाएं अक्सर कमजोर और छोटे हेलमेट पहने दिखाई देती हैं। पुलिस का मानना है कि इन हेलमेट से उनके पूरे सिर को कवर नहीं किया जा सकता। नई दिल्ली स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के न्यूरो सर्जरी विशेषज्ञ डॉ. अजय चौधरी का कहना है कि हेलमेट पहनने के पीछे उद्देश्य सड़क दुर्घटना होने पर सिर का बचाव करने से है। महिला हो या पुरुष, मजबूत हेलमेट लगाना चाहिए। कई बार सड़क दुर्घटना में सिर में क्लॉट तक आ जाता है, जिसकी वजह से ब्रेन हेमरेज आदि होने का खतरा रहता है।
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