न्यूज़ डेस्क : मध्यप्रदेश के इंदौर के एक नवनिर्मित अस्पताल में एक लिफ्ट में क्षमता से ज्यादा लोगों के सवार होने के कारण यह लिफ्ट कथित तौर पर 10 फुट नीचे आ गिरी। अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक, हादसे के वक्त लिफ्ट में मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष कमलनाथ समेत 13-14 लोग सवार थे और ये सभी लोग सुरक्षित हैं। अधिकारियों ने बताया कि राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस नेता से बातचीत के बाद जिला प्रशासन को लिफ्ट हादसे की जांच के निर्देश दिए हैं।
प्रदेश कांग्रेस प्रमुख के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने बयान जारी कर कहा कि कमलनाथ इंदौर के डीएनएस हॉस्पिटल में भर्ती वरिष्ठ कांग्रेस नेता रामेश्वर पटेल के हाल-चाल जानने गए थे। वह और अन्य कांग्रेस नेता आधार तल से ऊपरी मंजिल की ओर जाने के लिए लिफ्ट में सवार हुए। तभी लिफ्ट अचानक धड़ाम से 10 फुट नीचे गिर पड़ी।
सलूजा ने कहा कि हादसे के बाद लिफ्ट में धूल और धुएं का गुबार भर गया और इसके दरवाजे लॉक हो गए। इसके 10-15 मिनट बाद बामुश्किल औजार ढूंढ कर लिफ्ट का दरवाजा खोला गया। उन्होंने कहा कि कमलनाथ और कांग्रेस के वे अन्य सभी नेता सुरक्षित हैं जो लिफ्ट में सवार थे। कांग्रेस नेता ने लिफ्ट हादसे को कथित तौर पर लापरवाही और सुरक्षा में चूक का परिणाम बताते हुए प्रशासन से मांग की कि अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कड़े कदम उठाए जाएं।
कमलनाथ के साथ दो पूर्व मंत्री भी लिफ्ट में थे
उन्होंने बताया कि हादसे के वक्त लिफ्ट में कमलनाथ के साथ राज्य के दो पूर्व मंत्री-सज्जन सिंह वर्मा और जीतू पटवारी के अलावा कांग्रेस के स्थानीय विधायक विशाल पटेल और शहर कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल भी सवार थे।
शिवराज ने जताई चिंता, पूछा हालचाल
इस बीच, राज्य के जनसंपर्क विभाग की ओर से जारी बयान में कहा गया, ” मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इंदौर में रविवार को कमलनाथ के साथ हुई लिफ्ट दुर्घटना पर चिंता जताई है। चौहान ने हादसे के बाद कमलनाथ से फोन पर चर्चा की और उनकी खैरियत पूछी।”
लिफ्ट हादसे की जांच के निर्देश दिए
सरकारी बयान में यह भी कहा गया कि मुख्यमंत्री ने इंदौर के जिलाधिकारी मनीष सिंह को लिफ्ट हादसे की जांच के निर्देश दिए हैं। इंदौर के जिलाधिकारी कार्यालय ने ट्वीट कर बताया कि निजी अस्पताल की लिफ्ट की खराबी तथा इसमें हुई दुर्घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं और एक अतिरिक्त जिलाधिकारी (एडीएम) को इसका जिम्मा सौंपा गया है।
अस्पतला ने लिफ्ट गिरने की बात से इनकार किया
उधर, डीएनएस हॉस्पिटल के एक अधिकारी ने लिफ्ट गिरने की बात से इनकार करते हुए कहा कि क्षमता से ज्यादा लोगों के सवार होने से यह ऊपर जाने के बजाय अचानक नीचे की ओर जाकर बेसमेंट में पहुंच गई। अधिकारी के मुताबिक हादसे के वक्त लिफ्ट में कमलनाथ समेत 13-14 लोग सवार थे।
उन्होंने कहा, “लिफ्ट के नीचे की तरफ जाने के बाद लिफ्टमैन इसे बेसमेंट में ले गया और इसमें सवार कमलनाथ तथा अन्य लोगों को बाहर निकाला। ये लोग बेसमेंट से सीढ़ियां चढ़कर अस्पताल की ऊपरी मंजिल पर पहुंचे और वरिष्ठ कांग्रेस नेता रामेश्वर पटेल के हाल-चाल जानने के बाद दूसरी लिफ्ट से नीचे उतरकर अगले पड़ाव की ओर रवाना हुए।”
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