चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में इंडिगो को 2,844.3 करोड़ रुपये का घाटा

न्यूज़ डेस्क : इंटरग्लोब एविएशन को पहली चालू वित्त वर्ष अप्रैल-जून की तिमाही में 2,844.3 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ है। इस दौरान कोरोना वायरस महामारी की वजह से एयरलाइन का परिचालन बुरी तरह प्रभावित हुआ। देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो की परिचालक कंपनी ने इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 1,203.1 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था।

 

 

शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कंपनी ने कहा तिमाही के दौरान उसकी कुल आय 88 प्रतिशत घटकर 1,143.8 करोड़ रुपये रह गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 9,786.9 करोड़ रुपये रही थी। तिमाही के दौरान एयरलाइन की परिचालन आय 91.9 प्रतिशत घटकर 766.7 करोड़ रुपये रह गई।

 

एयरलाइन ने कहा कि 24 मई तक महामारी की वजह से परिचालन बंद रहने से उसका तिमाही नतीजा प्रभावित हुआ है। उसके बाद भी परिचालन काफी सीमित है। 25 मई से घरेलू उड़ानें शुरू हो गई हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय उड़ानें अब भी बंद हैं। एयरलाइन ने कहा कि जून तिमाही में औसत किराया 11.1 प्रतिशत बढ़कर 4.53 रुपये प्रति यात्री प्रति किलोमीटर रहा। 

 

इंडिगो के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) रोनोजॉय दत्ता ने कहा, ‘इस समय विमानन उद्योग अपने को बाजार में टिकाए रखने के संकट से जूझ रहा है। ऐसे में हमारी शीर्ष प्राथमिकता नकदी को बचाने की है। जून के अंत तक इंडिगो के बेड़े में कुल 274 विमान थे।

 

जून तिमाही के अंत तक इंडिगो का नकद अधिशेष 18,449.8 करोड़ रुपये था। इसमें से 7,527.6 करोड़ रुपये मुक्त नकदी तथा 10,922.2 करोड़ रुपये अंकुश वाली नकदी थी। इस दौरान कंपनी पर कुल 23,551.6 करोड़ रुपये का कर्ज भार था, जिसमें 21,177.9 करोड़ रुपये का दायित्व परिचालन पट्टे की देनदारी थी, जिसे पूंजीगत देनदारी का रूप दिया गया था।

 

मार्च तिमाही में स्पाइसजेट को हुआ 807 करोड़ रुपये का घाटा

किफायती विमानन सेवा प्रदाता कंपनी स्पाइसजेट को कोरोना वायरस महामारी के कारण परिचालन बाधित होने से मार्च में समाप्त पिछले वित्त वर्ष (2019-20) की चौथी तिमाही में 807.1 करोड़ रुपये का घाटा हुआ। कंपनी ने बुधवार को इसकी जानकारी दी। कंपनी को वित्त वर्ष 2018-19 की समान तिमाही में 56.3 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था। 

 

कंपनी ने एक बयान में बताया कि पूरे वित्त वर्ष के हिसाब से 2019-20 में उसका घाटा 2018-19 के 316.1 करोड़ रुपये से बढ़कर 934.8 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। कंपनी ने बयान में यह भी बताया कि उसके मुख्य वित्तीय अधिकारी किरण कोटेश्वर ने विदेश में कोई बड़ा अवसर मिलने के कारण इस्तीफा दे दिया है। हालांकि वह 31 अगस्त तक कंपनी के साथ बने रहेंगे।

 

आलोच्य तिमाही के दौरान कंपनी की कुल आय साल भर पहले के 2,571.8 करोड़ रुपये से बढ़कर 3,057.3 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। पूरे वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान भी कंपनी की कुल आय 2018-19 के 9,258 करोड़ रुपये से बढ़कर 13,206 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। आलोच्य तिमाही के दौरान कंपनी का कुल व्यय साल भर पहले के 2,515.5 करोड़ से बढ़कर 3,864.4 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। वित्त वर्ष 2018-19 के 9,510 करोड़ रुपये की तुलना में कंपनी का कुल व्यय 2019-20 में 14,141 करोड़ रुपये हो गया।

 

स्पाइसजेट के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अजय सिंह ने कहा, ‘दो महत्वपूर्ण कारण जिन्होंने हमारे प्रदर्शन और लाभ पर प्रतिकूल प्रभाव डाला, वे कोविड-19 महामारी और 737 मैक्स विमानों को उड़ान से बाहर किया जाना है। महामारी के कारण फरवरी के मध्य से मांग पर असर पड़ा है, जबकि 737 मैक्स को सेवा से बाहर हुए साल भर हो गए हैं।

 

सिंह ने कहा कि 737 मैक्स विमानों के परिचालन से बाहर होने को साल भर होने को आ गए, लेकिन कोविड-19 महामारी के सामने आने से पहले तक कंपनी ने लाभ का कारोबार किया। उन्होंने कहा कि विमानन उद्योग भारत के साथ ही दुनिया भर में अपने सबसे मुश्किल दौर से गुजर रहा है। इस बीच कंपनी के स्वतंत्र ऑडिटर एस आर बाटलिबोई एंड एसोसिएट्स एलएलपी ने कहा कि कंपनी के वित्तीय विवरण से उसे भारी घाटा होने और देनदारियों के कुल संपत्ति से अधिक हो जाने के संकेत मिलते हैं।

 

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