एथिकल हैकर अंकित फाडिया ने फिक्शन लिखना प्रारंभ किया और हैकिंग की थीम पर भारत की पहली थ्रिलर ‘द कैसीनो जॉब’ लिखी , इसका प्रकाशन अमेज़न द्वारा किया गया
इंदौर, 21 अगस्त, 2018: लोकप्रिय लेखक, अंकित फाडिया ने एथिकल हैकिंग की अपनी विशेषज्ञता से आगे बढ़ते हुए अपना पहला फिक्शन नॉवल ‘द कैसिनो जॉब’ लिखा है।
द कैसिनो जॉब की कहानी पक्के दोस्तों पर आधारित है। इसमें रोहन स्वतंत्र हैकर है। हार्दिक सीधा सादा लड़का है और मल्लिका कालेज में सभी के आकर्षण का केंद्र है। ये तीनों गोवा जाते हैं। उनका गोवा जाने का मकसद मौज मस्ती और समुद्र तटों की धूप का मजा लेना है। लेकिन एक शाम एल डोराडो कैसिनो शिप पर तीन पत्ती की टेबल पर खेल खतरनाक मोड़ ले लेता है और वो अपना सारा पैसा हार जाते हैं। समुद्र तट पर जब उनकी नींद टूटती है, तब उनके पीछे इज़रायल का माफिया पड़ चुका होता है। झूठ, धोखाधड़ी और जालसाजी के मकड़जाल में फंसने के बाद तीनों दोस्त बदला लेने के सफर पर निकल पड़ते हैं, जहां एक छोटी सी गलती उनकी जिंदगी ले सकती है।
देश के सबसे स्वच्छ शहर, इंदौर में अंकित फाडिया ने कहा, “मैंने अपनी पहली पुस्तक 14 साल की उम्र में लिखी थी, लेकिन मैं हमेशा फिक्शन नाॅवल लिखना चाहता था। आप जान चुके होंगे कि द कैसिनो जॉब का नायक एक एथिकल हैकर है, जो खाली समय में अपने मजे के लिए वेबसाइट और कंप्यूटर हैक करता है। कहानी का केंद्र बिंदु हैकिंग है। लेकिन यह आज के समय में कालेज के दोस्तों और उनके प्यार की परीक्षा लेता है जब गोवा में कैसिनो शिप पर सभी कुछ उनके खिलाफ जाता है। नाॅवल की कहानी मेरे दिमाग में तब आई जब मैं गोवा में अपने दोस्तों के साथ कैसिनो शिप पर गया था। मुझे यह देखकर आश्चर्य हुआ था कि लोग जुए में कितना अधिक धन दांव पर लगा रहे थे। मैं जानता हूँ कि जहां इतना अधिक धन होता है, वहां इसे चुराने के लिए अपराधी भी होते हैं।’’
हालांकि आजकल के कैसिनो से धन चुराना या हैकिंग करना आसान नहीं है। ज्यादातर कैसिनों में छतों पर हजारों कैमरे लगे हैं जिससे हर पल की निगरानी रखी जाती है और कंट्रोल रूम में सर्विएलेंस टीम को लाईव फीड दी जाती है, जो ग्राहकों की हर गतिविधि पर नजर रखती है। आधुनिक सुविधाओं से युक्त कैसिनो में कैटवॉक भी होती है, जिसमें निगरानी करने वाली टीम कैसिनो की छत के ऊपर वन वे ग्लास पर घूमते हुए सबकी नजरों से बचकर ग्राहकों की हर गतिविधि पर नजर रखती है। यह एक तरह से कैसिनो में आने-जाने वालों पर जासूस की तरह नजर रखती है।
द कैसिनो जॉब का प्रकाशन वेस्टलैंड बुक्स (अमेजन) ने किया है, इसकी कीमत 299 रुपए है। यह ऑनलाइन अमेजन और फ्लिपकार्ट सहित देश के सभी अग्रणी बुकस्टोरों पर उपलब्ध है।
इस किताब का अनावरण उस समय किया गया है, जब भारत में आधार डेटा की गोपनीयता, राजनीति पर झूठी खबरों का प्रभाव तथा मोबाईल फोन हैकिंग आदि के साथ साईबर सुरक्षा की समस्याएं बढ़ रही हैं।
क्या आधार सुरक्षित है?
बीते कुछ महीनों में आधार की सुरक्षा पर कई सवाल उठाए गए हैं। कुछ हफ्ते पहले भारतीय टेलीकॉम अथाॅरिटी के प्रमुख आरएस शर्मा ने अपना आधार नंबर सार्वजनिक किया और किसी को भी इसका दुरुपयोग करने की चुनौती दी थी। केंद्रीय आधार डेटाबेस, जिसमें नागरिकों का बायोमीट्रिक और डेमोग्राफिक डेटा एकत्रित होता है, काफी सुरक्षित है। लेकिन बीते कुछ महीनों के दौरान यूआईडीएआई में आॅपरेटर्स द्वारा उपयोग की जा रही प्रक्रियाओं और सिस्टम में सेंध लगने के कई मामले उजागर हुए हैं, जिससे नागरिकों की गोपनीयता लीक हुई है। लिहाजा आधार की सुरक्षा के लिए नागरिकों को इन सुरक्षा उपायों को अपनाना चाहिए:
- किसी ऐसे व्यक्ति से आधार की जानकारी साझा नहीं करें जिस पर आपको विश्वास नहीं हो
- यूआईडीएआई की वेबसाइट पर बायोमीट्रिक लॉक लगाकर अपनी आधार से संबंधित जानकारी सुरक्षित करें।
- सत्यापन या ई-केवाईसी के लिए वर्चुअल आईडी का इस्तेमाल करें। यह वर्चुअल आईडी यूआईडीएआई जारी करता है।
- यूआईडीएआई की वेबसाइट पर नियमित रूप से अपनी आधार आॅथेंटिकेशन हिस्ट्री पर नजर रखें।
झूठी खबरों का राजनीति, समाज और आर्थिक घटनाओं पर बढ़ता प्रभाव
बीते कुछ सालों से विश्वभर में राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक घटनाओं पर फेक न्यूज का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है। ट्रंप का चुनाव, मोदी की नोटबंदी, भारत में भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या के मामले में एक बात समान है – सोशल मीडिया और वाट्स ऐप से फैलाई गई झूठी खबरें। इंटरनेट और मोबाइल एसोसिएशन आॅफ इंडिया (आईएएमएआई) के अनुसार भारत में इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों की संख्या 450 मिलियन से अधिक होने का अनुमान है। फेसबुक एकाउंट्स 241 मिलियन से अधिक होंगे और 200 मिलियन से अधिक वाट्सऐप इस्तेमाल करने वाले होंगे। देश में तेजी से सोशल मीडिया और मैसेजिंग प्लेटफार्म का प्रसार होने से यह सवाल उठता है कि भारत में आने वाले आमचुनाव 2019 में राजनीतिक दल फेक न्यूज का इस्तेमाल कर सकते हैं और चुनाव को प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों के लिए यह जरूरी है कि वे जो भी पढ़ें उसके बारे में पूरी जानकारी एकत्रित कर लें। कुछ आसान तरीकों का इस्तेमाल आप कर सकते हैं।
- ब्राउजर एक्सटेंशन , बीएस डिटेक्टर इंस्टाॅल करें, जो आपको फेक न्यूज के स्रोतों के बारे में अलर्ट करेगा।
- फेसबुक न्यूज़ फीड पर फेक न्यूज़ को पकड़ने के लिए ब्राउजर एक्सटेंशन , प्रोजेक्ट फिब इंस्टाॅल करें।
- लेख के यूआरएल को दो बार जांच लें और एक जैसे डोमेन नामों पर नजर रखें।
- लेख की प्रामाणिकता जांचने के लिए न्यूज सोर्स के होम पेज पर जाएं और वहां पर लेख को देखें।
मोबाइल फोन की हैकिंग
बीते कुछ सालों में प्रतिस्पर्धियों या साझेदारों द्वारा काॅरपोरेट दिग्गजों के मोबाइल फोन हैक करने की घटनाएं लगातार बढ़ी हैं। व्हाट्सऐप सन्देश पढ़ने या सही लोकेशन जानने की इच्छा के कारण मोबाइल फोन हैकिंग का नया बाजार विकसित हो गया है। नॉवल द कैसिनो जॉब में भी नायक बहुत कुशलता से मोबाइल फोन हैक करता है। अगर यूज़र सावधानियां नहीं रखता है, तो उसके मोबाईल फोन हैक करके जानकारियां चुराया जाना बहुत आसान हो जाता है।
- अपने मोबाइल फोन पर एंटीवायरस साॅफ्टवेयर लगाएं।
- ऐप स्टोर से ही ऐप्स डाउनलोड करें।
- व्हाट्सऐप या ईमेल से मिले किसी संदेहास्पद लिंक पर क्लिक नहीं करें।
- किसी अन्य व्यक्ति को अपने फोन का इस्तेमाल नहीं करने दें।
अंकित फाडिया के बारे में
लोकप्रिय लेखक अंकित फाडिया टेक के जानकार हैं। वे कंप्यूटर, गैजेट्स और हर टेक्निकल वस्तु के उपयोग में बहुत रुचि रखते हैं। उन्होंने एमटीवी पर लोकप्रिय शो , व्हाट द हैक! को होस्ट किया था जिसमें उन्होंने टेक्नाॅलाॅजी व इंटरनेट पर टिप्स व ट्रिक्स दी थीं। वे कंप्यूटर सिक्योरिटी के जाने-माने विशेषज्ञ हैं। वे दर्जनों पुस्तकें लिख चुके हैं। वे 25 देशों में 1000 से अधिक वार्ताएं कर चुके हैं। उन्हें कई पुरस्कार मिले हैं। भारत और चीन में 20,000 से अधिक लोगों को प्रशिक्षित कर चुके हैं। वे स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के ग्रेजुएट हैं। उन्हें वल्र्ड इकाॅनाॅमिक फोरम ने ग्लोबल शेपर नियुक्त किया है। वो भारत सरकार की डिजिटल इंडिया अभियान के ब्रांड एम्बेसडर हैं। अंकित को घूमना पसंद है और वे 120 से अधिक देशों की यात्रा कर चुके हैं।
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