नई दिल्ली, 13दिसंबर। अरुणाचल प्रदेश के तवांग इलाके में भारतीय सैनिकों की चीनी सैनिकों से हुई भिड़ंत की खबर पर पूरा देश स्तब्ध है कि घटना नौ जनवरी को हुई और इसके बारे में 12 जनवरी को पता चला है. इस घटना में करीब 30 भारतीय सैनिक घायल हुए हैं. इसे लेकर विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने केंद्र की मोदी सरकार पर सवाल उठाए हैं तो वहीं असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि चीन को करारा जवाब देना चाहिए.
इस मुद्दे पर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी छवि बचाने के लिए देश को खतरे में डाल रहे हैं. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्वीट किया, ‘‘एक बार फिर हमारे सैनिकों को चीन ने उकसाया है. हमारे सैनिकों ने बहादुरी से मुकाबला किया और कुछ जवान घायल भी हुए. हम राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर राष्ट्र के रूप में एक हैं और इसका राजनीतिकरण नहीं करेंगे. लेकिन मोदी सरकार को एलएसी (लाइन ऑफ एक्जुअल कंट्रोल) पर चीन की आक्रामकता और अप्रैल 2020 से हो रहे निर्माण कार्य को लेकर ईमानदार होना चाहिए.’’
वहीं, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ट्वीट किया है, ‘‘भारतीय सेना के शौर्य पर हमें गर्व है. सीमा पर चीन की हरकतें पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं. पिछले दो साल से हम बार-बार सरकार को जगाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन मोदी सरकार केवल अपनी राजनीतिक छवि को बचाने के लिए इस मामले को दबाने में लगी है. इससे चीन का दुस्साहस बढ़ता जा रहा है.’’
रमेश ने आरोप लगाया, ‘‘देश से बड़ा कोई नहीं है, लेकिन मोदी जी अपनी छवि को बचाने के लिए देश को ख़तरे में डाल रहे हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘उत्तरी लद्दाख़ में घुसपैठ स्थायी करने की कोशिश में चीन ने डेपसांग में एलएसी की सीमा में 15-18 किलोमीटर अंदर 200 स्थायी शेल्टर बना दिए, पर सरकार चुप रही. अब यह नया चिंताजनक मामला सामने आया है.’’
कांग्रेस ने गलवान झड़प के बाद प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दिए गए भाषण का वीडियो भी ट्वीट किया है जिसमें वह कह रहे हैं कि ‘‘किसी ने हमारी जमीन पर कब्जा नहीं किया है और कोई भारत में नहीं घुसा है और न ही हमारे किसी पोस्ट (चौकी) पर किसी अन्य ने कब्जा किया है.’’ कांग्रेस ने प्रधानमंत्री के उक्त भाषण का संदर्भ देते हुए कहा, ‘‘अगर यह गलती नहीं की गई होती. अगर चीन का नाम लिया गया होता, वह भारत की ओर आंख उठाकर देखने की हिम्मत नहीं करता… अभी भी वक्त है… डरें नहीं.’’
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया है, ‘‘हमारे 20 बहादुर सैनिकों की शहादत के बाद भी चीन को दो टूक जवाब देने की बजाय.. प्रधानमंत्री ने “कोई नहीं घुस आया…” का बयान देकर देश की सुरक्षा और संप्रभुता से ज्यादा, अपनी “आभासी छवि” बनाए रखने में सारा ध्यान न लगाया होता, तो चीन बार बार यह दुस्साहस कभी नहीं करता !’’
ओवैसी ने कहा-हमारे पास व्यापार असंतुलन है और चीन उसके पक्ष में है, बावजूद इसके हमारे सैनिक घायल हो रहे हैं. हमें संसद में सरकार से जवाब चाहिए और स्थगन प्रस्ताव लाएंगे. हमें उम्मीद है कि सरकार इस मुद्दे से नहीं भागेगी.
बता दें कि भारतीय और चीनी सैनिकों की अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के निकट एक स्थान पर नौ दिसंबर को झड़प हुई, जिससे दोनों पक्षों के कुछ जवान मामूली रूप से घायल हो गये. सैन्य सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि भारतीय सैनिकों ने चीनी पीएलए सैनिकों का डटकर मुकाबला किया.
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