भारतीय नौसेना के बहुपक्षीय अभ्यास मिलन 2022 का नवीनतम संस्करण 25 फरवरी 2022 से के ‘सिटी ऑफ डेस्टिनी’ के रूप में जाने जाने वाले शहर विशाखापत्तनम में शुरू होने वाला है। मिलन 22 का आयोजन दो चरणों में कुल 9 दिनों की अवधि में किया जा रहा है, जिसमें बंदरगाह चरण 25 से 28 फरवरी तथा समुद्री चरण 01 से 04 मार्च तक होना निर्धारित है । भारत 2022 में अपनी स्वतंत्रता के 75वें वर्ष का जश्न मना रहा है, और मिलन 22 हमारे दोस्तों और भागीदारों के साथ इस महान उपलब्धि को मनाने का एक अवसर प्रदान करता है। मिलन 2022 अभ्यास का विषय ‘कैमराडरी – कोहेज़न – कोलेबोरेशन’ है, जिसका उद्देश्य भारत को दुनिया के लिए बड़े स्तर पर एक जिम्मेदार समुद्री शक्ति के रूप में पेश करना है। इस अभ्यास का उद्देश्य अनुकूल नौसेनाओं के बीच पेशेवर बातचीत के माध्यम से अभियानगत कौशल को बेहतर बनाना, सर्वोत्तम प्रथाओं एवं प्रक्रियाओं को आत्मसात करना और समुद्री क्षेत्र में सैन्य नीतियों से जुड़ी सैद्धांतिक शिक्षा का अवसर पाना है।
मिलन संबंधी जानकारी
मिलन एक द्विवार्षिक बहुपक्षीय नौसैनिक अभ्यास है जिसकी शुरुआत भारतीय नौसेना ने 1995 में अंडमान और निकोबार कमान में की थी। इसकी शुरुआत के बाद से यह आयोजन 2001, 2005, 2016 और 2020 को छोड़कर द्विवार्षिक रूप से आयोजित किया गया है। 2001 और 2016 के संस्करण इंटरनेशनल फ्लीट रिव्यु के कारण आयोजित नहीं किए गए थे, 2005 में आयोजित होने वाले संस्करण को 2004 की सुनामी के कारण 2006 में पुनर्निर्धारित किया गया था। कोविड-19 के कारण मिलन के 2020 वाले संस्करण को 2022 तक के लिए स्थगित कर दिया गया था।
1995 के संस्करण में केवल चार देशों- इंडोनेशिया, सिंगापुर, श्रीलंका और थाईलैंड की भागीदारी के साथ शुरू हुए इस अभ्यास ने प्रतिभागियों की संख्या और अभ्यास की जटिलता के संदर्भ में काफी बड़ा परिवर्तन किया है। मूल रूप से भारत की ‘लुक ईस्ट पॉलिसी’ के अनुरूप शुरू की गई मिलन ने आने वाले वर्षों में भारत सरकार की ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ और क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा एवं विकास (सागर) पहल के साथ अपना विस्तार किया, जिसमें हिंद महासागर क्षेत्र तथा पश्चिमी हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) के तटवर्ती देशों को शामिल किया गया। वर्ष 2014 में यह भागीदारी छह क्षेत्रीय देशों से बढ़कर 18 देशों तक पहुंच गई, जिसमें आईओआर तटवर्ती क्षेत्र शामिल थे। दशक दर दशक दोस्ताना विदेशी देशों (एफएफसी) के साथ भारतीय नौसेना के जुड़ाव में विस्तार के साथ, यह महसूस किया गया कि मिलन अभ्यास के पैमाने एवं जटिलता को बढ़ाया जाए और दुनिया की क्षेत्रीय और अतिरिक्त क्षेत्रीय नौसेनाओं को शामिल कर नौसेनिक सहयोग को और मजबूत किया जाए। एक बड़े नौसैनिक आयोजन के बुनियादी ढांचे की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए, इस अभ्यास को मुख्य स्थान पर स्थानांतरित करने का निर्णय लिया गया और विशाखापत्तनम पूर्वी नौसेना कमान का मुख्यालय होने के कारण इस आयोजन की मेजबानी के लिए नामित किया गया।
मौजूदा संस्करण
मिलन 22 अपनी अब तक की सबसे बड़ी भागीदारी का गवाह बनेगा, जिसमें 40 से अधिक देश अपने युद्धपोत/ उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भेजेंगे। मिलन का यह संस्करण सरफेस, सब-सरफेस तथा हवाई युद्ध व हथियार फायरिंग अभ्यास सहित समुद्र में अभ्यास पर ध्यान देने के साथ ‘दायरे और जटिलता’ के लिहाज से बड़ा होगा। मिलन अभियानगत सम्मेलन और सेमिनार भी आयोजित किए जा रहे हैं, जिससे भाग लेने वाली नौसेनाओं/ प्रतिनिधिमंडलों को समुद्री सुरक्षा पर अपने विचार व्यक्त करने का अवसर मिलता है। हाई प्रोफाइल विदेशी प्रतिनिधियों में उच्चतम स्तर का नौसैनिक नेतृत्व, एजेंसी प्रमुख, राजदूत तथा समकक्ष शामिल होंगे।
प्रमुख आयोजन
मिलन 2022 के दौरान प्रमुख कार्यक्रमों में एक उद्घाटन समारोह तथा उसके बाद 26 फरवरी को मिलन गांव का उद्घाटन शामिल है। विदेशी टुकड़ियों की भागीदारी के साथ 27 फरवरी की शाम को एक अभियानगत प्रदर्शम तथा उसके बाद इंटरनेशनल सिटी परेड का आयोजन किया जाएगा। मिलन 2022 27-28 फरवरी को ‘सहयोग के माध्यम से सामूहिक समुद्री क्षमता का उपयोग‘ विषय पर एक अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगोष्ठी की भी मेजबानी करेगा। अन्य गतिविधियों में पेशेवर / विषय वस्तु विशेषज्ञों के बीच आदान प्रदान, डीएसआरवी प्रदर्शन, युवा अधिकारियों का मिलन, स्पोर्ट्स फिक्स्चर तथा विदेशी आगंतुकों के लिए आगरा और बोधगया के दौरे शामिल हैं। जहाजों/विमानों के साथ भाग लेने वाले देशों के लिए इस अभ्यास का समुद्री चरण दिनांक 01-04 मार्च से निर्धारित है।
महासागरीय मैत्री को प्रोत्साहन
भारतीय नौसेना न केवल शक्ति के प्रदर्शन के लिए बल्कि राजनयिक पहुंच के लिए भी एक माध्यम है । इस दिशा में विभिन्न नौसेनाओं को एक साथ लाने के लिए संयुक्त/बहुपक्षीय अभ्यासों का आयोजन एक महत्वपूर्ण गतिविधि है। यूं तो नौसेनाएं विभिन्न क्षेत्रों में काम कर सकती हैं, परंतु समुद्री डकैती, एचएडीआर मिशन, समुद्री सुरक्षा आदि जैसे सामान्य हित के मुद्दों पर सहयोग करने की आवश्यकता हमेशा होती है। नौसेना से नौसेना की बातचीत आपसी समझ, सहयोग और समुद्री शक्तियों के बीच अंतर-संचालन को बढ़ाती है। मिलन 2022 महासागरों में समुद्री भाईचारे के संबंधों को बढ़ावा देने का एक अमूल्य अवसर प्रदान करेगा।
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