भारतीय सेना ने पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर की ‘पिनप्वाइंट स्ट्राइक’

न्यूज़ डेस्क : भारतीय सेना ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में बने संदिग्ध आतंकी ठिकानों पर पिनपॉइंट स्ट्राइक की है। इसे सर्दियां शुरू होने से पहले पाकिस्तानी आर्मी की ओर से भारत में आतंकियों को भेजने के दुस्साहस का जवाब माना जा रहा है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, यह जानकारी भारतीय सेना से जुड़े सूत्रों ने दी है। हालांकि, इस मामले में भारतीय सेना की ओर से भी जवाब आया है। इसमें कहा गया है कि पीटीआई की खबर 13 नवंबर को हुए सीजफायर उल्लंघन से संबंधित है। आज भारतीय सेना की ओर से कोई फायरिंग नहीं की गई।

 

 

भारत की ओर से शांति स्थापित करने की लगातार कोशिशों के बावजूद नहीं मान रहे पाकिस्तान को भारतीय सेना ने एक बार फिर करारा जवाब दिया है। भारतीय सेना ने पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में संदिग्ध आतंकी ठिकानों पर ‘पिनप्वाइंट स्ट्राइक’ की है। सेना ने यह कार्रवाई 13 नवंबर को हुए सीजफायर उल्लंघन के जवाब में की थी। 

 

 

भारतीय सेना के इस कदम को सर्दियों का मौसम शुरू होने से पहले पाकिस्तानी सेना की ओर से भारत में आतंकवादियों की घुसपैठ कराने के दुस्साहस का जवाब माना जा रहा है। सामाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार यह जानकारी भारतीय सेना के सूत्रों ने दी है। हालांकि, आज यानी गुरुवार को सेना की ओर से कोई फायरिंग नहीं की गई है।

 

 

सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान वैश्विक आतंकवाद रोधी संगठन एफएटीएफ (फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स) से बचने और आतंकवाद को समर्थन देने के बीच संतुलन बनाने की कोशिश करता रहा है। उसका उद्देश्य जम्मू-कश्मीर में अशांति फैलाना है। पिछले कुछ सप्ताह में पाक सेना ने एलओसी के भारतीय क्षेत्र में नागरिकों को निशाना बनाया है।

 

 

सूत्रों ने कहा कि पाक सेना ने आक्रामक रूप से भारी गोलाबारी करते हुए आम नागरिकों को निशाना बनाया है और जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ कराने की कोशिश की है। एक आधिकारिक आंकड़े के अनुसार इस साल पाकिस्तान की ओर से की गई गोलाबारी में 21 मासूम नागरिकों ने अपनी जान गंवाई है। 2019 में यह संख्या 18 थी।

 

सूत्रों ने कहा कि इस्लामाबाद जम्मू-कश्मीर के युवाओं को उग्रवाद की ओर ढकेलने और उनके हाथों में हथियार थमाने के लिए नए तरीकों का इस्तेमाल कर रहा है। वह अपनी जमीन पर पल रहे आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए खुद पर पड़ रहे अंतरराष्ट्रीय दबाव को देखते हुए ऐसी घटनाओं में अपनी संलिप्तता छिपाने की कोशिश कर रहा है। 

 

 

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