न्यूज़ डेस्क : सरहद पर जल्द ही भारत को एक नया पहरेदार मिलने जा रहा है। इस ‘पहरेदार’ को दुनिया में सबसे खतरनाक कहा जा रहा है और माना जाता है कि इसकी पैनी निगाहों से कोई नहीं बच सकता। ऐसे में सीमा पर नापाक मंसूबे रखने वाले पड़ोसी मुल्कों से निपटने में भारत को मदद मिलेगी। इसे दुनिया का सबसे खतरनाक लड़ाकू ड्रोन माना जाता है। कई मामलों में जेट फायर फाइटर्स से भी बेहतर। भारत जल्द ही इसे अमेरिका से खरीदने वाला है, जिससे सीमा पर हमारी ताकत बढ़ेगी। इस पहरेदार का नाम है: MQ-9 रीपर ड्रोन। जानते हैं इस ड्रोन की खास बातें :
भारत वो खतरनाक MQ-9 रीपर ड्रोन अमेरिका से खरीद रहा है, जिससे कुछ महीने पहले उसने हमला करके बगदाद में ईरान के सबसे ताकतवर जनरल कासिम सुलेमानी को मार गिराया। किसी को भनक भी नहीं लगी कि ड्रोन कहां से आया और कब हमला कर के चला गया।
माना जाता है MQ-9 रीपर ड्रोन बहुत खतरनाक होते हैं, वह तमाम हथियारों से लैस होते हैं। इतनी ज्यादा ऊंचाई पर उड़ सकते हैं कि रडार से भी ओझल हो जाते हैं। यानी अक्सर उनकी टोह भी नहीं ली जा सकती। भारत को लगता है कि चीन के साथ तनाव की स्थिति में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर ड्रोन का इस्तेमाल करना ज्यादा बेहतर रहेगा।
अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, MQ-9 रीपर एक सशस्त्र, कई तरह के कामों में माहिर, मध्यम ऊंचाई वाला ऐसा ताकतवर ड्रोन है, जो हवा में लंबे समय तक उड़ान भरने की क्षमता रखता है। यह 1150 मील की दूरी और 50 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ सकता है। इसे इस तरह डिजाइन किया गया है कि लंबी दूरी की उन जगहों पर जहां वायुसेना नहीं पहुंच पाए, वहां इससे काम लिया जा सके।
ये ड्रोन 4,900 पाउंड वजन का होता है। इसमें 2,200 लीटर फ्यूल भरा जा सकता है। ये अपने साथ 4,760 किलो का वजन लेकर 230 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ सकता है। इस ड्रोन का इस्तेमाल निगरानी करने, तलाशी अभियान और राहत-बचाव मिशन में भी किया जाता है।
इस ड्रोन में बड़ी रेंज को कवर करने वाले सेंसर, मल्टी-मोड संचार सूट और सटीक हथियारों के साथ काम करने की अद्भुत क्षमता होती है। ये कम समय में संवेदनशील लक्ष्यों पर अचूक हमला आसानी से कर सकता है। इसे दूर से भी कंट्रोल किया जा सकता है। अपनी तरह के इस अनोखे ड्रोन की डिजाइन और अत्याधुनिक तकनीक दुश्मनों के हौसले पस्त करने के लिए काफी है। वैसे तो ये ड्रोन अमेरिका का सबसे बेहतरीन फाइटर माना जाता है। इसे दूर से आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है, हालांकि इसमें एक पायलट और एक व्यक्ति भी बैठ सकता है।
अमेरिकी वायुसेना एमक्यू-9 रीपर ड्रोन का पिछले 13 वर्षों से इस्तेमाल कर रही है। इसके विंगस्पान की लंबाई 66 फीट है। एक ड्रोन की कीमत 64.2 मिलियन डॉलर यानी 460 करोड़ 70 लाख 56 हजार 200 रुपये है। एमक्यू-9 रीपर ड्रोन मूवेबल टारगेट को सटीकता से भेदने में सक्षम है।
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