भारत-संयुक्त राज्य अमेरिका टीपीएफ को मिलेगा बढ़ावा
भारत-संयुक्त राज्य अमेरिका टीपीएफ विभिन्न क्षेत्रों में अर्थव्यवस्थाओं को एकीकृत करने पर सहमत हुए
भारत-संयुक्त राज्य अमेरिका ने आज दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को अगले उच्च स्तर पर ले जाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल और यूएसटीआर राजदूत कैथरीन तई ने भी यह सुनिश्चित किया कि भारत-यूएस टीपीएफ विभिन्न क्षेत्रों में अर्थव्यवस्थाओं को एकीकृत करने और दो रणनीतिक साझीदारों और लोकतांत्रिक देशों के बीच व्यापार संबंधों के लिए सुरक्षित और महत्वाकांक्षी भविष्य की ओर बढ़ने के लिए एक दृढ़ निर्णय ले।
दोनों नेताओं ने संबंधों की पूरी क्षमता का दोहन करने के लिए दोनों अर्थव्यवस्थाओं को विभिन्न क्षेत्रों में एकीकृत करने के महत्व को रेखांकित किया।
बैठक के दौरान नेताओं ने द्विपक्षीय व्यापार और आर्थिक संबंधों के लिए ज्यादा महत्वाकांक्षी भविष्य की दिशा में काम करने और इसे अगले स्तर तक ले जाने पर जोर दिया जिससे दोनों अर्थव्यवस्थाएं एक दूसरे को लाभ पहुंचा सकें।
भारत-संयुक्त राज्य अमेरिका ने 23 नवंबर 2021 को नई दिल्ली में भारत-अमेरिका व्यापार नीति मंच (टीपीएफ) की 12वीं मंत्रिस्तरीय बैठक आयोजित की, जिसका उद्देश्य लक्ष्य को आगे बढ़ाने के लिए ‘व्यापार संबंधों के भविष्य के लिए एक महत्वाकांक्षी, साझा दृष्टिकोण विकसित करना है’, जिसकी घोषणा 24 सितंबर 2021 को अपनी बैठक में पीएम मोदी और राष्ट्रपति बाइडेन ने की थी।
भारतीय वाणिज्य और उद्योग, कपड़ा, उपभोक्ता मामले और खाद्य व सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री पीयूष गोयल और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि, राजदूत कैथरीन तई ने टीपीएफ बैठक की सह-अध्यक्षता की।
मंत्रियों ने व्यापार संबंधों को प्रभावित करने वाले मौजूदा और उभरते मुद्दों की पूरी श्रृंखला पर सहयोगात्मक चर्चा में शामिल होने के महत्व को स्वीकार किया। इस संबंध में, टीपीएफ व्यापार मामलों में सहयोग और सहभागिता, द्विपक्षीय व्यापार चिंताओं के समाधान और महत्वपूर्ण व उभरती व्यापार नीति के मुद्दों पर चर्चा का महत्वपूर्ण मंच बन सकता है।
भारत यूएसए टीपीएफ 2021 चर्चा की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:
द्विपक्षीय व्यापार मामले
- कृषि, गैर-कृषि वस्तुओं, सेवाओं, निवेश और बौद्धिक संपदा पर टीपीएफ कार्य समूहों को पारस्परिक रूप से लाभप्रद तरीके से दोनों पक्षों की पारस्परिक चिंता के मुद्दों के समाधान के लिए समय-समय पर चर्चा के लिए सक्रिय करना है।
- इस साल 2021 (जनवरी-सितंबर 2021) में द्विपक्षीय माल व्यापार में वापस मजबूती दिखने पर संतोष व्यक्त किया गया, जिसने पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाई है; चालू वर्ष में द्विपक्षीय माल व्यापार 100 अरब डॉलर के आंकड़े को पार करने की ओर अग्रसर है।
- एक अनुकूल कारोबारी माहौल स्थापित करने के महत्व को रेखांकित किया गया और इस संबंध में, भारत द्वारा शुरू किए गए आर्थिक सुधारों में बीमा क्षेत्र में एफडीआई से पाबंदियां हटाना, आयकर में पूर्वप्रभावी प्रावधान को समाप्त करना और निवेश की सुविधा के लिए ‘एकल खिड़की प्रणाली’ की शुरुआत पर प्रकाश डाला गया।
- बाजार अर्थव्यवस्थाओं और लोकतांत्रिक देशों के बीच एक पारदर्शी, नियम आधारित वैश्विक व्यापार प्रणाली के साझा दृष्टिकोण को हासिल करने के लिए विश्व व्यापार संगठन, जी20 सहित विभिन्न बहुपक्षीय व्यापार निकायों में सहयोग और रचनात्मक जुड़ाव पर जोर दिया गया।
- लचीली और सुरक्षित आपूर्ति श्रृंखला बनाने का अपना महत्व है और इस संबंध में भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका व्यापार और प्रौद्योगिकी के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सुरक्षित आपूर्ति श्रृंखला विकसित करने के लिए समान सोच वाले भागीदारों के साथ काम कर सकते हैं।
- भारत ने स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग के महत्व पर प्रकाश डाला और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं को बढ़ाने के लिए एक सुरक्षित दवा उत्पादन बेस तैयार करने के लिए यूएस और सहयोगियों के साथ साझेदारी करने में रुचि व्यक्त की।
- महत्वपूर्ण क्षेत्रों (साइबर स्पेस, सेमीकंडक्टर, एआई, 5जी, 6जी और भविष्य की पीढ़ी की दूरसंचार प्रौद्योगिकी समेत) में मजबूत संबंध बनाने और लचीली व सुरक्षित वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं का सहयोग करने के लिए दोनों देशों में निजी क्षेत्र की भागीदारी और सहयोग पर जोर दिया गया।
- लगातार जुड़ाव के माध्यम से बाजार पहुंच के शेष मुद्दों को हल करके दोनों देशों के किसानों और व्यवसायों को वास्तविक लाभ देने पर जोर दिया गया।
- भारत से आम और अनार, अनार के दाने और अमेरिका से चेरी और पशु आहार के लिए अल्फाल्फा घास के लिए बाजार पहुंच सुविधा पर समझौता।
- भारत से अंगूर और अमेरिका से सूअर मांस व उसके उत्पादों के लिए बाजार पहुंच बनाने की दिशा में काम करने पर सहमत हुए।
- अमेरिका से घुलनशील पदार्थों के साथ डिस्टिलर्स सूखे अनाज सहित अन्य उत्पादों और भारत से भैंस के मांस और जंगली झींगा के लिए बाजार पहुंच बढ़ाने को लेकर दोनों पक्ष वार्ता का क्रम बनाए रखेंगे।
- आईपी-इंटेंसिव उद्योगों में नवाचार के साथ-साथ द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए आईपी संरक्षण और प्रवर्तन का महत्व रेखांकित किया गया।
भविष्य के कार्य
- भारत ने जीएसपी (प्राथमिकता की सामान्यीकृत प्रणाली) लाभों की बहाली के महत्व पर प्रकाश डाला क्योंकि यह दोनों पक्षों के उद्योगों को उनकी आपूर्ति श्रृंखला को कुशलतापूर्वक एकीकृत करने में मदद करेगा। अमेरिका ने इस पर उपयुक्त विचार की बात कही।
- डिजिटल सेवाओं सहित सेवाओं के महत्व और द्विपक्षीय सेवाओं, व्यापार और निवेश को बढ़ाने की महत्वपूर्ण क्षमता।
- दोनों देशों के बीच पेशेवर और कुशल श्रमिकों, छात्रों, निवेशकों और बिजनस यात्रियों की आवाजाही के महत्व को रेखांकित किया गया, क्योंकि यह द्विपक्षीय आर्थिक और तकनीकी साझेदारी को बढ़ाने में बहुत योगदान देता है।
- दोनों पक्षों के श्रमिकों के हितों में एक सामाजिक सुरक्षा समग्रता समझौते पर बातचीत के महत्व पर सहमत हुए और इस तरह के समझौते को आगे बढ़ाने के लिए भागीदारी का स्वागत किया।
- इस बात पर जोर दिया गया कि टीपीएफ को आपसी विश्वास पैदा करने के लिए लगातार ठोस परिणाम देने चाहिए।
दोनों मंत्रियों ने टीपीएफ कार्यकारी समूहों को ठोस प्रगति के लिएमार्च 2022 तक कार्ययोजना बनाने का निर्देश दिया, जिसमें विशिष्ट व्यापार परिणामों के सेट की पहचान शामिल है, जिसे 2022 के मध्य तक होने वाली इंटर-सेशनल टीपीएफ बैठक के लिए अंतिम रूप दिया जा सकता है।
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