खनन सेनेगल में और डीएपी का उत्पादन भारत में होगा
10 एलएमटी डीएपी और एनपीके का उत्पादन किया जाएगा
उर्वरकों के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए आत्मनिर्भर भारत पहल के हिस्से के रूप में, भारत सरकार भारतीय उर्वरक कंपनियों को उनकी बैकएंड आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने के लिए सलाह और समर्थन दे रही है। रॉक फॉस्फेट और फॉस्फोरिक एसिड जैसे कच्चे माल पर देश की उच्च निर्भरता को देखते हुए, भारत निवेश और बहु-वर्षीय आयात सौदों के माध्यम से खनिज समृद्ध देशों में अपनी पहुंच का विस्तार करके कीमतों में वृद्धि के खिलाफ अपनी आपूर्ति को सुरक्षित करने की योजना बना रहा है।
इस दिशा में, भारत की अग्रणी फॉस्फेटिक उर्वरक कंपनी कोरोमंडल इंटरनेशनल लिमिटेड ने आज सेनेगल स्थित रॉक फॉस्फेट खनन कंपनी, बाओबाब माइनिंग एंड केमिकल्स कॉर्पोरेशन (बीएमसीसी) में 45 प्रतिशत इक्विटी शेयर के अधिग्रहण को औपचारिक रूप दिया। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री और रसायन और उर्वरक मंत्री, डॉक्टर मनसुख मांडविया ने इस कार्यक्रम की अध्यक्षता की। इस कार्यक्रम में बीएमसीसी के अधिकारियों ने सेनेगल सरकार से कोरोमंडल को स्वीकृति पत्र सौंपा।
इस अवसर पर, केंद्रीय उर्वरक मंत्री ने कहा कि भारत खनिज समृद्ध भौगोलिक क्षेत्रों में निवेश करके अपनी कच्चे माल की आपूर्ति की सुरक्षा को मजबूत कर रहा है। श्री मनसुख मांडविया ने कहा कि भारत सरकार देश की उर्वरक जरूरतों को पूरा करने के लिए आपूर्ति सुरक्षा लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए इस तरह के निवेश को सक्षम करने के लिए उद्योग जगत के साथ साझेदारी कर रही है। उन्होंने कहा कि हम अपने किसानों के लिए उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और घरेलू उत्पादन बढ़ाने और अन्य देशों के साथ साझेदारी स्थापित करने की दिशा में काम करना जारी रखेंगे।
डॉ. मांडविया ने आगे कहा, “भारत सेनेगल के साथ सौहार्दपूर्ण द्विपक्षीय संबंध रखता है, जो भारत को फॉस्फोरिक एसिड के प्रमुख आपूर्तिकर्ताओं में से एक है। मुझे आशा है कि सेनेगल में रॉक माइंस में निवेश दोनों देशों के लिए पारस्परिक रूप से फायदेमंद होगा और हमारी दोस्ती को और मजबूत करेगा। खनन सेनेगल में किया जाएगा और डीएपी का उत्पादन भारत में किया जाएगा। डाई अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) और नाइट्रोजन-फॉस्फोरस-पोटेशियम (एनपीके) के 10 एलएमटी का निर्माण किया जाएगा।”
कोरोमंडल के कार्यकारी उपाध्यक्ष, श्री अरुण अलगप्पन ने उर्वरकों के लिए प्रमुख कच्चे माल के लिए बैकवर्ड लिंकेज स्थापित करने की दिशा में निरंतर मार्गदर्शन और प्रोत्साहन के लिए भारत सरकार को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, “बीएमसीसी में निवेश हमारी रॉक फॉस्फेट आवश्यकता के एक तिहाई तक सुरक्षित करेगा, हमारे सोर्सिंग बेस में विविधता लाएगा और हमारे संचालन में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देगा। हम फॉस्फेटिक उर्वरकों में आपूर्ति सुरक्षा के निर्माण के लिए आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को प्राप्त करने की दिशा में निवेश करना जारी रखेंगे।”
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