भारत ने बनाई कोरोना की दवा, इस आयुर्वेदिक कंपनी ने किया दावा

न्यूज़ डेस्क : कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच दुनियाभर के वैज्ञानिक इसका इलाज खोजने में लगे हैं। एक ओर इसकी वैक्सीन तैयार करने को लेकर कई देशों के वैज्ञानिक शोधरत हैं तो वहीं दूसरी ओर इसकी दवा बनाने में भी विभिन्न देसी और विदेशी ड्रग कंपनियां लगी हुई हैं। कई देशों में कोरोना की वैक्सीन ट्रायल के विभिन्न चरणों में हैं, जिनमें से कई वैक्सीन के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। इस बीच भारत में एक देसी आयुर्वेदिक कंपनी ने कोरोना वायरस संक्रमण की दवा तैयार कर लेने का दावा किया है। कंपनी के मुताबिक, चीन से दुनियाभर में महामारी जब से फैली, तभी से इस दवा को तैयार करने में टीम लगी हुई थी। दावा है कि विशेष फॉर्मूले से तैयार इस दवा से 80 फीसदी कोरोना के मरीज ठीक हुए हैं। 

 

 

बाबा रामदेव की आयुर्वेदिक कंपनी पतंजलि ने कोरोना की दवा बनाए जाने का दावा किया है। पतंजलि आयुर्वेद के को-फाउंडर आचार्य बालकृष्ण का कहना है कि विशेष फॉर्मूले से तैयार की गई इस दवा के इस्तेमाल से करीब 80 फीसदी मरीज ठीक भी हुए हैं।

 

आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि जैसे ही चीन के साथ पूरे विश्व में कोरोना महामारी ने दस्तक दी वैसे ही उन्होंने अपने संस्थान में हर विभाग को कोरोना के इलाज के लिए इस्तेमाल होने वाली दवा पर काम करने में लगा दिया था। जिसका सकारात्मक परिणाम अब सामने आया है। 

 

 

आचार्य बालकृष्ण ने दावा किया कि पतंजलि की ओर से बनाई गई इस खास दवा का न केवल परीक्षण किया गया, बल्कि इसे पूरी तरह से तैयार भी कर लिया गया है। उनका कहना है कि इस दवा से एक हजार से ज्यादा लोग ठीक हुए हैं। करीब 80 फीसदी मरीजों में इसके अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं।

 

आचार्य बालकृष्ण के मुताबिक, कोरोना की इस खास दवाई को तैयार करने के लिए शास्त्रों  वेदों को पढ़कर उसे विज्ञान के फॉर्मूले में ढाला गया। जिसके परिणाम स्वरूप इस आयुर्वेदिक दवा को तैयार किया जा सका है। 

 

कोरोना की इस दवा में तमाम तरह की जड़ी बूटियों और आयुर्वेदिक चीजों का इस्तेमाल किया गया है। इसे बनाने में पतंजलि के वैज्ञानिकों ने रात-दिन कड़ी मेहनत की है। बालकृष्ण ने उम्मीद जताई है कि इस दवा से कोरोना मरीजों को बहुत राहत मिलेगी। 

 

पतंजलि शोध संस्थान के मुख्य वैज्ञानिक के मुताबिक, जब चीन में कोरोना की शुरूआत हुई, जनवरी में यह फैलने लगा तभी से इसे लेकर काम शुरू कर दिया गया था। इस काम में सैकड़ों वैज्ञानिक लगे हुए थे।

 

 

उन्होंने कहा कि इस दवा को बनाने के लिए टीम ने दिन-रात मेहनत की है। कड़ी मेहनत का ही नतीजा है कि हमने दवा बनाने में सफलता हासिल हुई है। इस दवा से एक हजार लोगों के स्वस्थ होने का दावा किया जा रहा है। 

 

मालूम हो कि कोरोना वायरस की कोई निश्चित दवा नहीं रहने की स्थिति में फिलहाल पहले से उपलब्ध दवाओं के जरिए ही कोरोना वायरस के लक्षणों का इलाज किया जा रहा था। इसमें गंभीर बीमारियों की दवाओं से लेकर एंटीवायरल दवाओं का इस्तेमाल शामिल है। 

 

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और आईसीएमआर के निर्देश और निर्धारित प्रोटोकॉल के तहत देश में कोरोना मरीजों का इलाज किया जा रहा है। एक ओर देश में कोरोना संक्रमण का आंकड़ा बढ़ रहा है तो दूसरी ओर बड़ी संख्या में कोरोना मरीज लगातार ठीक होकर अस्पताल से घर भी जा रहे हैं। 

 

 

मालूम हो कि कोरोना की दवा तैयार करने में दुनियाभर के कई देशों की अलग-अलग कंपनियां लगी हुई हैं। वहीं, कई देश जानवरों के बाद इंसानी शरीर पर ट्रायल के चरण में पहुंच गए हैं। इसकी वैक्सीन को लेकर चल रहे ट्रायल के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। 

 

इस बीच बाबा रामदेव की कंपनी ने दवा तैयार कर लेने का दावा कर के दुनियाभर का ध्यान अपनी ओर खींचा है। मालूम हो कि दुनियाभर में अबतक कोरोना वायरस से संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या 76.71 लाख पार कर चुकी है, जबकि इससे 4.26 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। 

 

 

Comments are closed.