इंडिया-गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल (जीसीसी) ने मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) वार्ता को दोबारा शुरू करने का निर्णय किया
दोनों देशों में अनेक रोजगारों के सृजन और जीवन-स्तर को बढ़ाने के लिये समग्र मुक्त व्यापार समझौता
मुक्त व्यापार समझौता भारत को अपने सबसे बड़े कारोबारी गुट जीसीसी के साथ अपने व्यापार को बढ़ाने और उसमें विविधता लाने में सहायक
वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण तथा कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल और गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल के महासचिव महामहिम डॉ. नायफ फलह एम. अल-हजरफ ने आज नई दिल्ली में एक संयुक्त प्रेस वार्ता की, जिसमें इंडिया-जीसीसी एफटीए पर चर्चा करने का इरादा व्यक्त किया गया।
आगे की दिशा तय करने और समाधान-आधारित बातचीत के साथ, भारत और जीसीसी देशों के बीच द्विपक्षीय आर्थिक रिश्तों के सभी आयामों को मद्देनजर रखते हुये पारस्परिक हितों के समस्त मुद्दों पर होने वाली उल्लेखनीय प्रगति पर दोनों देशों ने बातचीत की।
दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुये कि एफटीए वार्ता को औपचारिक रूप से दोबारा शुरू करने के लिये सभी कानूनी व तकनीकी आवश्यकताओं को जल्द से जल्द पूरा कर लिया जाये। एफटीए एक आधुनिक और समग्र समझौता है, जिसके दायरे में माल और सेवाओं को रखा गया है। दोनों पक्षों ने कहा कि एफटीए से नये रोजगार पैदा होंगे, लोगों के रहन-सहन का स्तर बढ़ेगा और इससे भारत तथा सभी जीसीसी देशों में सामाजिक व आर्थिक अवसरों को विस्तार मिलेगा। दोनों पक्षों ने रजामंदी व्यक्त की कि इस समझौते से भारत और जीसीसी के पूरक व्यापारों और आर्थिक इको-सिस्टम के आधार पर निर्मित क्षमता को देखते हुये कारोबार को विस्तार देने तथा उसमें विविधता लाने में सहायता मिलेगी।
उल्लेखनीय है कि जीसीसी इस समय भारत का सबसे बड़ा कारोबारी साझीदार है। वित्तवर्ष 2021-22 में इनके बीच होने वाला द्विपक्षीय व्यापार 154 अरब यूएसडी था, जिसमें निर्यात लगभग 44 अरब यूएसडी और आयात लगभग 110 अरब यूएसडी (33.8 अरब का गैर-तेल निर्यात और 37.2 अरब यूएसडी गैर-तेल आयात) था। भारत और जीसीसी के बीच सेवाओं के द्विपक्षीय कारोबार वित्तवर्ष 2021-22 में लगभग 14 अरब यूएसडी के बराबर रहा, जिसमें निर्यात 5.5 अरब अरब और आयात 8.3 अरब यूएसडी था।
जीसीसी देश भारत के तेल आयात में लगभग 35 प्रतिशत और गैस आयात में 70 प्रतिशत का योगदान करते हैं। वर्ष 2021-22 में जीसीसी से भारत का कच्चे तेल का आयात लगभग 48 अरब यूएसडी का हुआ, जबकि इसी अवधि में एलएनजी व एलपीजी आयात लगभग 21 अरब यूएसडी का रहा। भारत में जीसीसी का निवेश इस समय 18 अरब यूएसडी से अधिक का है।
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