नई दिल्ली । नए वित्त वर्ष यानी 1 अप्रैल 2018 (2018-19) से टैक्सपेयर्स के लिए काफी कुछ बदलने वाला है। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आम बजट 2018 में टैक्सपेयर्स के लिए काफी सारे बदलावों की घोषणा की थी, जिन्हें 1 अप्रैल से ही लागू किया जाना है। ये सभी बदलाव सीधे तौर पर नौकरीपेशा लोगों से सरोकार रखने वाले हैं। हम अपनी इस खबर में आपको इन्हीं बदलावों के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं।
शेयर्स की खरीद फरोख्त में हुए प्रॉफिट पर देना होगा LTCG टैक्स: जो लोग शेयर्स के जरिए कमाई करते हैं यह उनके लिए बुरी खबर है। 1 अप्रैल 2018 के बाद अगर आपको शेयर्स और इक्विटी वाले म्यूचुअल फंड के जरिए 1 लाख से अधिक का प्रॉफिट प्राप्त होता है तो आपको इसपर 10 फीसद का लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स (एलटीसीजी) देना होगा। हालांकि यह नियम सिर्फ लिस्टेड शेयर्स की बिक्री पर हुए मुनाफे पर ही लागू होगा।
अब टैक्सपेयर्स को देना होगा बढ़ा हुआ सेस: अब व्यक्तिगत करदाताओं के लिए इनकम टैक्स पर सेस बढ़ाकर 4 फीसद कर दिया है, पहले यह 3 फीसद हुआ करता था। यह नया नियम भी 1 अप्रैल 2018 से लागू हो रहा है। यानी अब आपको अपनी टैक्स देनदारी पर 4 फीसद स्वास्थ्य और शिक्षा उपकर देना होगा।
स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा: आम बजट 2018 में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने नौकरीपेशा लोगों को स्टैंडर्ड डिडक्शन की सौगात दी थी। अब वेतनभोगियों को 40 हजार रुपए के स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा मिलेगा। हालांकि अब उन्हें पहले की तरह ट्रांसपोर्ट अलाउंस और मेडिकल रीइंबर्समेंट की सुविधा नहीं मिलेगी।
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