न्यूज़ डेस्क : आयकर विभाग ने वित्त वर्ष 2020-21 यानी आकलन वर्ष 2021-22 के लिए व्यक्तिगत करदाताओं के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 30 सितंबर 2021 तय की है। 30 सितंबर के बाद आयकर रिटर्न दाखिल करने पर करदाताओं पर जुर्माना लगेगा। लेकिन अगस्त में भी करदाताओं पर जुर्माना लग रहा है। कई करदाताओं ने शिकायत की है कि आयकर पोर्टल पिछले कुछ दिनों से रिटर्न दाखिल करने पर सेक्शन 234F के तहत लेट फीस चार्ज कर रहा है।
ऐसे में करदाता सोशल मीडिया के जरिए आयकर विभाग से अनुरोध कर रहे हैं कि सर्वर से लेट-फाइलिंग फीस को हटा लिया जाए। मालूम हो कि आयकर विभाग के नियमों के अनुसार, अगर कोई करदाता निर्धारित समय के भीतर आयकर रिटर्न दाखिल नहीं करता है, यानी अंतिम तिथि के बाद रिटर्न दाखिल करता है तो उसे देय कर पर ब्याज का भुगतान करना होता है।
इतना लगता है जुर्माना
आयकर कानून के सेक्शन 234F के मुताबिक, अगर कोई करदाता निर्धारित समय के बाद रिटर्न दाखिल करता है तो विलंबित रिटर्न के लिए अधिकतम 10,000 रुपये शुल्क के तौर पर वसूले जाते हैं। वहीं अगर किसी व्यक्ति की कुल आय पांच लाख रुपये से ज्यादा नहीं है, तो लेट-फाइलिंग फीस की राशि 1,000 रुपये है।
तकनीकी खामी हो सकती है वजह
ऐसा माना जा रहा है कि यह एक तकनीकी खामी हो सकती है और आयकर विभाग ने बढ़ी हुई डेडलाइन के साथ टैक्स फाइलिंग सॉफ्टवेयर को अपडेट न किया हो। मालूम हो कि गत सात जून को काफी जोरशोर से नए आयकर पोर्टल www.incometax.gov.in की शुरुआत की गई थी। शुरुआत से ही पोर्टल पर तकनीकी दिक्कतें आ रही हैं। नई वेबसाइट इंफोसिस ने तैयार की है। आयकर विभाग के नए पोर्टल में जारी तकनीकी कमियों के बीच इंफोसिस ने कहा कि वह इन खामियों को दूर करने के लिए तेजी से काम कर रही है और वर्तमान में यह उसकी सबसे बड़ी प्राथमिकता है।
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