आयकर विभाग ने 25.08.2022 को रेत खनन, चीनी उत्पादन, सड़क निर्माण, स्वास्थ्य सेवा, मेडिकल कॉलेज आदि के संचालन में कार्यरत समूहों के ठिकानों पर छापामारी की। इस छापेमारी में सोलापुर, उस्मानाबाद, नासिक और कोल्हापुर जिले में 20 से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी की गई।
छापेमारी अभियान के दौरान बड़ी संख्या में सबूत मिले, जिसमें कागजी दस्तावेज और डिजिटल डेटा भी शामिल है, जिन्हें अब जब्त कर लिया गया है। इन सबूतों से समूहों द्वारा आयकर की चोरी में इस्तेमाल किए जाने वाले अलग-अलग तौर-तरीकों का पता चला। इन तरीकों में फर्जी खर्च, अघोषित नगद बिक्री, कर्ज/उधार प्रविष्टियां शामिल थीं।
रेत खनन और चीनी उत्पादन में शामिल समूह से 15 करोड़ रुपये से ज्यादा की अघोषित चीनी बिक्री के दस्तावेज हासिल हुए हैं, जिन्हें जब्त कर लिया गया है। कार्रवाई से पता चला है कि समूह ने अपनी अघोषित आय को अपने खातों में फर्जी कर्जों के तौर पर दर्ज किया था। समूह को कर्ज देने वाले कुछ लोगों और समूह के प्रायोजकों ने माना है कि समूह ने जो अघोषित नगदी जमा की है, जिसका मूल्य 10 करोड़ रुपये से ज्यादा है, उसे जाली कर्जों के तौर पर खाते में दर्ज किया है।
कर ना भरने वाली एक कॉरपोरेट कंपनी द्वारा 43 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति बिक्री से लगभग 43 करोड़ रुपये हासिल करने के सबूत मिले हैं।
एक दूसरा समूह, जो सड़क निर्माण, स्वास्थ्यसेवा और मेडिकल कॉलेजों के संचालन में कार्यरत है, उससे भी अघोषित नगद रसीदें मिली हैं, जो “कैपिटेशन फीस”, वेतन वापसी और डॉक्टर्स/पीजी छात्रों को भुगतान किए गए भत्ते से संबंधित थीं। साथ ही फर्जी खर्चों से की गई बुकिंग और संविदा भुगतान आदि के सबूत भी मिले हैं, जिन्हें जब्त कर लिया गया है। प्राथमिक अनुमानों के मुताबिक, समूह की इस तरह की अघोषित आय 35 करोड़ रुपये के आसपास हो सकती है।
अब तक इस छापेमारी में 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की बेहिसाब आय मिली है। साथ ही 5 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति जब्त की गई है।
अभी आगे की जांच जारी है।
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