आयकर विभाग ने बिहार और झारखंड के एक प्रमुख सड़क निर्माण ठेकेदार के खिलाफ तलाशी और जब्ती की कार्रवाई की। बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में स्थित इसके विभिन्न परिसरों में तलाशी कार्रवाई शुरू की गई थी।
आयकर विभाग की तलाशी में पता चला कि यह समूह सामग्री की खरीद पर खर्च बढ़ाकर अपने मुनाफे को छिपा रहा है। इस तरह की अतिरिक्त सामग्री बाजार में नकद में बेची जाती है लेकिन इस तरह से प्राप्त नकदी का कोई लेखा-जोखा नहीं होता है।
तलाशी में यह भी पाया गया है कि यह समूह अन्य व्यावसायिक खर्चों को बढ़ाने के लिए आवास द्वार प्राप्त करने में शामिल है। इन संदिग्ध कार्यकलापों में इस समूह की सहायता करने वाले कमीशन एजेंटों के परिसर से हस्तलिखित डायरी जैसे आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए हैं। इन जब्त दस्तावेजों में बिना किसी लेखा-जोखा के नकदी हासिल करने और सामग्री की आवाजाही के सबूत हैं। तलाशी की कार्रवाई में यह भी पता चला कि यह समूह संविदात्मक प्राप्तियों और सेवा आय को भी छिपा रहा है। यह भी पाया गया कि समूह के पास बिल और वाउचर जैसे सहायक दस्तावेजों के साथ उचित बही-खाता भी नहीं है।
तलाशी के दौरान बरामद और जब्त किए गए विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज विभिन्न स्थानों पर अचल संपत्तियों में निवेश के लिए अलग-अलग जगहों पर बेहिसाब नकदी की आवाजाही और व्यक्तिगत तौर पर नकद खर्च का संकेत देते हैं। तलाशी अभियान के दौरान यह पता चला है कि फर्जी बिलों के कमीशन एजेंटों और आपूर्तिकर्ताओं ने भी करोड़ों की आय पर कर की चोरी की है क्योंकि वे अन्य पार्टियों को भी आवास द्वार उपलब्ध कराने में लिप्त हैं।
तलाशी कार्रवाई में 5.71 करोड़ रुपये की बेहिसाबी नकदी बरामद हुई है। दस बैंक लॉकरों पर रोक लगा दी गई है। सावधि जमा आदि में किए गए लगभग 60 करोड़ रुपये के निवेश का भी सत्यापन चल रहा है। तलाशी की इस कार्रवाई में करीब 100 करोड़ रुपये की बेहिसाब आय का पता चला है।
मामले में आगे की जांच जारी है।
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