आयकर विभाग ने 6 जुलाई 2022 को बेंगलुरु स्थित एक प्रमुख फार्मास्युटिकल ग्रुप पर तलाशी और जब्ती अभियान चलाया। इस ग्रुप की 50 से अधिक देशों में व्यवसायिक उपस्थिति है। यह ग्रुप फार्मास्युटिकल उत्पादों और एक्टिव फार्मास्युटिकल इनग्रिडियंट्स (एपीआई) के निर्माण और मार्केटिंग के व्यवसाय से जुड़ा हुआ है। आयकर विभाग द्वारा तलाशी कार्रवाई में 9 राज्यों में फैले समूह के लगभग 36 परिसरों को कवर किया गया।
तलाशी अभियान के दौरान दस्तावेजों और डिजिटल डेटा के रूप में दोष साबित करने वाले पर्याप्त सबूत मिले हैं और उन्हें जब्त कर लिया गया है। साक्ष्यों के शुरुआती एकत्रीकरण से पता चला है कि समूह ‘सेल्स और प्रमोशन’ मद के तहत मेडिकल प्रफेशनल्स को मुफ्त उपहारों के वितरण के रूप में अपने अकाउंट बुक्स में अस्वीकार्य खर्चों को डेबिट कर रहा है। इन लाभों में यात्रा व्यय और उपहार आदि शामिल हैं जो समूह के उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए ‘प्रमोशन और प्रोपेगेंडा’, “सेमिनार और सिंपोजियम” और “चिकित्सा सलाह” आदि के तहत समूह के उत्पादों को बढ़ावा देते हैं। सबूत इस ओर इशारा करते हैं कि समूह ने अपने उत्पादों/ब्रांडों को बढ़ावा देने के लिए अनैतिक व्यवहार की नीति को अपनाया है । इस तरह के मुफ्त उपहारों पर खर्च का अनुमान लगभग 1000 करोड़ रुपए का है ।
यह भी सामने आया है कि समूह ने कुछ आय के संबंध में विशेष प्रावधानों के तहत कृत्रिम रूप से बढ़ी हुई कटौती का फायदा उठाया है। समूह ने पात्र इकाई को खर्च और राजस्व के अधिक विनियोग का सहारा लेकर यह कटौती दिखाई है। पात्र इकाइयों को अनुसंधान और विकास व्यय के अपर्याप्त आवंटन और धारा 35 (2एबी) के तहत कटौती के बढ़े हुए दावे सहित कर चोरी के कई अन्य साधनों का भी पता चला है। इस तरह के उपायों से 300 करोड़ रुपये से अधिक के कर चोरी का अनुमान है।
आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 194सी के तहत स्रोत पर कर कटौती के प्रावधानों के उल्लंघन के मामलों का भी तीसरे पक्ष के थोक दवा निर्माताओं के साथ किए गए अनुबंधों के तहत लेनदेन के संबंध में पता चला है।
तलाशी अभियान के दौरान 1.20 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी और 1.40 करोड़ रुपए से अधिक के बेहिसाब सोने और हीरे के आभूषण भी जब्त किए गए हैं।
इस मामले में आगे की जांच जारी है।
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